A Glimpse of Love.. A Taste of Triumph

वह पहली मोहबत की झलक और कामयाबी की पहल!। क़िस्त 03
रूबी की तन्हाई और एक खामोश दर्द
राज के दोस्तों की मीटिंग के दौरान पता चलता है कि रूबी की शादीशुदा जिंदगी मुश्किलों में है। उसका पति जावेद किसी और के साथ है, और दोनों के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। मेजर शेखर (राज के पिता) की रूबी से एक इमोशनल बातचीत होती है, जिसमें रूबी अपने दर्द को छुपाने की कोशिश करती है।
सिमरन की चंचलता और राज का नया सफर
दूसरी ओर, राज और सिमरन की नई दोस्ती शुरू होती है। राज सिमरन के प्रति आकर्षित है लेकिन अपनी भावनाओं को जाहिर करने में झिझकता है। रोहित की चालाकी से उन्हें अकेले समय बिताने का मौका मिलता है। मंदिर जाने और आइसक्रीम खाने के बहाने दोनों के बीच बातचीत बढ़ती है।
सिमरन की जिंदगी और उसका अकेलापन
सिमरन अकेले अपने दादाजी की यादों के सहारे जी रही है। उसकी मासूमियत, आत्मनिर्भरता, और जिंदगी के प्रति सादगी राज को उसकी ओर और आकर्षित करती है। राज मन ही मन सोचता है कि अब सिमरन को अकेलेपन से बचाने और अपने जीवन का हिस्सा बनाने का समय आ गया है।
मोहब्बत की शुरुआत
कहानी रिश्तों, दोस्ती और नए रिश्तों की शुरुआत का खूबसूरत सफर पेश करती है।
कामयाबी की पहल!
दिल के किसी कोने में अरसालान अब कशिश को महसूस करने लगा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि असल में बात क्या है। आखिर उसके साथ यह हो क्या रहा है। क्यों वह कशिश की तरफ खिंचा चला जा रहा है। वह इस बारे में किसी से ज़िक्र भी नहीं करना चाहता था। उसकी यह बेनाम और अनसुलझी हुई सोच उसे समझ भी नहीं आती थी। ऐसे ही कुछ दिन और बीतते चले गए।
एक सुबह कॉलेज की कैंटीन में अरसालान न्यूज़पेपर लेकर आया। वहां पर उसके सारे दोस्त बैठे थे। हिना बोली “क्या ज़रूरत रिश्ता में ऐड दिया है या कोई ऐड पसंद आया है?” सब हंसने लगे।
अरसलान बोला “कमबख्तो मैं सबके भले के लिए न्यूज़पेपर लेकर आया हूं। जरा इसमें एक एडवर्टाइजमेंट तो देखो तुम सब।”
सना ने पेपर हाथ में लिया और पढ़ने लगी Required Some Energetic People To Run A New Office For Part Time Basis. Freshers Can Apply. Working Hours 2 PM To 8 PM. Contact On Given Address.”
राज बोला “ऐड्रेस तो ज़्यादा दूर नहीं है। Working Hours भी सही हैं। मुझे तो इंटरव्यू देने में कोई बुराई नहीं लगती। पर ज़रूरी थोड़ी है कि हम सबको ही वहां पर जॉब के लिए हायर कर लेंगे, न जाने कितने लोग वहां पर इंटरव्यू के लिए जाएंगे।”
“लेकिन अगर हम सबसे पहले वहां पहुंच जाएं तो शायद हो भी सकता है, क्योंकि यह न्यूज़ आज ही आई है। अभी ऑफिस शुरू हुए कोई एक घंटा हुआ होगा। हम अगर अभी चलते हैं तो शायद हम सबसे पहले कैंडिडेट्स होंगे” न्यूटन बोला।
“तो फिर देर किस बात कि है चलो धावा बोलते हैं ऑफिस में!” रोहित बोला। और फिर सब एक साथ दिए गए एड्रेस की तरफ चल दिए। थोड़ी देर के बाद सारे दोस्त उस ऐड्रेस पर खड़े थे, जहां इंटरव्यू था। उन सबको ऑफिस के फोर्थ फ्लोर पर जाना था।
न्यूटन बोला “अबे मुझे डर लग रहा है यार। पता नहीं ऊपर क्या होगा। जोश में मैं यहां आ तो गया, पर अब मुझे अंदर से डर सा लग रहा है।”
रोहित बोला “यार सही कहा तुमने, मुझे भी डर लग रहा है।” राज, सना और हिना भी घबरा गए थे। तभी अरसलान बोला, “यार एक गलती हो गई मुझसे, मैंने अपना रिज्यूम तो प्रिंट ही नहीं किया।”
हिना बोली “तो अब क्या करोगे तुम? वापस हॉस्टल जाओगे तो बहुत वक्त लगेगा।”
अरसलान बोला, “मेरी ई-मेल पर तो है। मैं एक काम करता हूं, आस पास से प्रिंट निकलवा कर आता हूं। तुम लोग सब ऊपर जाओ।”
इतना कह कर अरसलान वहां से चला गया। बाकी लोग लिफ्ट की तरफ बढ़ गए। जब अरसलान अपना रिज्यूम प्रिंट कराकर वापस आया तो उसने देखा कि शमशेर खान अपनी कार से उतर रहे हैं।
अरसलान को देखते ही वह बोले “तुम यहां कैसे। आज कॉलेज नहीं गए क्या तुम?”
अरसलान ने जवाब दिया “नहीं शमशेर साहब आज एक ही पीरियड था हमारा कॉलेज में। तो हम सब जल्दी फ्री हो गए। यहां सीडब्ल्यूएस एंटरप्राइजेज में आज पार्ट-टाइम जॉब्स का इंटरव्यू है, तो हम सब दोस्त उसी सिलसिले में यहां पर आ गए।”
शमशेर खान बोले “बहुत खूब। भाई तुम और तुम्हारे दोस्त तो बड़े मेहनती हैं। अच्छा लगता है जब हम किसी नौजवान को इतनी मेहनत करते हुए देखते हैं। वैसे सीडब्ल्यूएस में मेरी काफ़ी जान पहचान है, कहो तो मैं इस सिलसिले में बात करूं?”
अरसलान बोला “माफी चाहता हूं, इसको मेरा घमंड मत समझिएगा, पर मैं अपनी काबिलियत पर मंजिलें हासिल करना चाहता हूं। इससे जिंदगी के किसी भी मोड़ पर मुझे ऐसा न लगे कि मैंने वह पाया, जिसका शायद मैं हकदार भी नहीं था।”
शमशेर खान बोले “माशा अल्लाह, बहुत कम उमरी में काफी बुलंद ख्यालात हैं तुम्हारे। तुमको कामयाबी जरूर मिलेगी।” इतना कह कर शमशेर खान, तीसरी मंजिल पर उतर गए।
मोहब्बत की नई शुरुआत
सीडब्ल्यूएस के ऑफिस में पहुंच कर अरसलान ने देखा तो वो लोग ही वहां पर पहले पहुंचे थे। ऑफिस में छोटा सा स्टाफ था, जो कि अपने कामों में लगा हुआ था। वो सबके पास पहुंच कर बोला “क्या सीन है?”
राज बोला “बस हम लोग ही पहले आए हैं यहां। अभी कोई भी नहीं आया है।”
तभी एक लड़की वहां पर आई और सबसे बोली “हैलो, मेरा नाम सिमरन है और मैं यहां पर काम करती हूं। आप सब शायद इंटरव्यू के लिए आए हैं?”
सब बोले “जी हम इंटरव्यू के लिए आए हैं।” सिमरन बोली “ठीक है, आप सब मेर केबिन में आ कर मुझे अपनी सारी डिटेल्स दे दीजिए। उसके बाद आपका इंटरव्यू जल्द ही शुरू हो जाएगा।”
सब लोग सिमरन के साथ उसके पीछे-पीछे चले गए। केबिन में सिमरन बारी-बारी सबकी डिटेल्स लेने लगी। सब अपनी डिटेल्स दे रहे थे, राज सिमरन को निहार रहा था। सिमरन आसमानी रंग का कुर्ता पहने हुए थी, उसके हाथ में एक सुनहरा कड़ा था, लम्बे काले बालों की सलीके से उसने चोटी बना रखी थी। उसका चेहरा, गोरा था, जो सदगी की वजह से बहुत खूबसूरत लग रहा था। बड़ी-बड़ी काली आंखें थीं, गुलाब की पंखुड़ी की तरह उसके होंठ थें, साथ ही उसके मुस्कुराने पर उसके गाल पर पड़ने वाले गड्ढे, राज पहली नजर में ही अपना दिल हार चुका था।
“हैलो, आप अपनी डिटेल्स लिखवाने का क्या लेंगे। कहां खोए हुए हैं आप। आप ठीक तो हैं?” सिमरन के कहने पर राज अपने ख्यालों से जागा। फिर बोला “सॉरी मैं कहीं और खो गया था, जी बताइए क्या पूछना है आपको।” फिर सिमरन मुस्कुराते हुए उससे भी डिटेल्स लेने लगी। फिर वह उठते हुए बोली “आप सब कॉन्फ्रेंस रूम में जाइए, आप सबका इंटरव्यू वहीं पर होगा।”
कॉन्फ्रेंस रूम का पता दे कर वह चली गई, राज उसे जाते हुए देखता रहा। तभी वहां एक आदमी आया, और बोला “मैं मोहित हूं। आप सबका इंटरव्यू मैं ही लूंगा। कैसे हैं आप सब?” सबने जवाब दिया “हम ठीक हैं।”
मोहित बोला “जैसा कि आप सब अभी फ्रेशर्स है, इसलिये मैं समझ सकता हूं कि अभी आप सबको काम का कोई भी तजुर्बा नहीं है, पर जब काम शुरू करेंगे तभी तो तजुर्बा होगा। चलिए हम सब शुरू करते हैं।”
फिर मोहित उन सबसे बारी-बारी सवाल करता गया। उनके जवाब से वह काफ़ी मुतमयीन हुआ।
“आप सब काफ़ी सुलझे हुए हैं और सीखने के लिए तैयार भी हैं, आप सबसे मिलकर अच्छा लगा, अब आप सब कुछ देर बाहर इंतजार करिए।” मोहित ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया। वो सब बाहर आ कर वेटिंग रूम में बैठ गए, राज अभी भी सिमरन को निहार रहा था।
अरसलान बोला “यार कुछ हो न हो, लेकिन राज ने अपने लिए लड़की ज़रूर पसंद कर ली है।” सब राज की तरफ देखने लगे। राज सकपका गया और बोला “नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है।” इसपर सना गुनगुनाने लगी “छुपाना भी नहीं आता, जताना भी नहीं आता।” सब हसने लगे, और राज चुप हो गया।
तभी सिमरन उनके पास आई, और सबको एक एक एनवेलप देते हुए कहा, “आप सबको पहली जॉब मुबारक हो, आप सबका सेलेक्शन हो गया है।”
सब खुशी से अपने अपने एनवेलप खोल कर देखने लगे। इतने में न्यूटन खुशी से बोला “क्या सच में हम लोग सेलेक्ट हुए हैं?”
सिमरन मस्कुराते हुए बोली “जी बिल्कुल, मुझे यही बताया गया है, आप सबको दो दिन बाद ज्वॉइन करना है, यहां आप ठीक 2 बजे मुझसे मिलेंगे। मैं आप सबको सारा काम समझा दूंगी। जाने से पहले आप सब सीईओ सर से मिलते हुए जाइए। वह थर्ड फ्लोर पर बैठे हैं। अच्छा अब मैं चलती हूं, जल्द ही मिलते हैं।” फिर वह वहां से चली गई, राज फिर उसे देखता रहा।
अरसलान बोला “चलो भी यार अब क्या देख रहे हो, आज के लिए इतना काफी था। आज ही देखना नहीं है, अब तो जॉब लग गई है तुम्हारी यहां, अब तो रोज़ – रोज़ मिलना ही होगा, अब चलकर सीईओ से भी मिल लेते हैं।” सब हंसते हुए फिर लिफ्ट की तरफ चल दिए।
थर्ड फ्लोर पर वो सब सीईओ के रूम के बाहर पहंचे और ऑफिस बॉय को इंफॉर्म किया कि हम सब सीईओ सर से मिलने आए हैं। ऑफिस बॉय बोला आप सब बाहर वेट करिए मैं सर से पूछकर आता हूं। ऑफिस बॉय अंदर गया और फिर बाहर आकर बोला “आप सब अंदर जाइए, सर ने आप लोगों को बुलाया है।”
जब वो सब अंदर सीईओ के केबिन में पहुंचे तो वहां सामने कशिश के पिता शमशेर खान बैठे हुए थे। सब उनको वहां देखकर बिल्कुल चौंक गए। वह मुस्कुराते हुए बोले, “पहली नौकरी मुबारक हो आप सबको। मोहित साहब आप सबसे काफी खुश हैं, मुझे भी बहुत खुशी है इस बात की कि आप जैसे टैलेंटेड और मेहनती नौजवान हमारे ऑफिस का हिस्सा बन गए हैं। आओ बैठो यहां आप सब।”
फिर सब वहां बैठ गए, उसके बाद शमशेर खान बोले “भाई तुम सब यह न समझना कि तुम लोगो को यह जॉब मैंने दी है, या मेरी वजह से मिली है। मुझे पता था कि तुम लोग यहां जॉब के लिए आए हो, पर मैंने बिल्कुल भी कोई बात नहीं की है इस सिलसिला में। तुम सब अपनी काबिलियत पर यहां हो और यह जॉब उसी काबिलियत पर मिली है आप सबको, मैंने इसमें कुछ भी नहीं किया। और मैं इसलिए बहुत खुश हूं कि आप सबने अपनी मेहनत और टैलेंट की वजह से यह जॉब पाई है, आयम प्राउड ऑफ यू।”
हिना बोली “जी शुक्रिया। हम सब पूरी मेहनत से यहां काम करेंगे, और आपको बिल्कुल भी शिकायत का मौका नहीं देंगे।”
शमशेर खान बोले “मुझे यकीन है कि ऐसा ही होगा। तो फिर आप सब दिए गए टाइम पर ऑफिस में आएं। सिमरन आपको काम की डिटेल्स दे देगी। बाकी मेरी आप से यहां पर कम ही मुलाकात हो पाएगी। क्योंकि मैं यहां इस ऑफिस में ज्यादा नहीं आता, अभी यह ऑफिस शुरू ही हुआ है। बाकी बातें काम करने के साथ ही आप सब सीख लेंगे।”
अरसलान बोला “जी हम सब वक्त पर ऑफिस आ जाएंगे। मोहित सर ने जो यकीन किया है हम पर उसे हम बिल्कुल भी टूटने नहीं देंगे, हम उनकी उम्मीदों पर पूरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।”
शमशेर खान मुस्कुराते हुए बोले “अल्लाह आप सबको कामयाबी दे।”
फिर वो सब शमशेर खान के केबिन से बाहर आ गए। बाहर आ कर रोहित बोला, “आज तो मज़ा ही आ गया, हमारी इतनी अच्छी जॉब लग जाएगी, यह तो सोचा ही नहीं था। चलो भाई आज हम सब मिलकर हमारी इस पहली कामयाबी को सेलिब्रेट करते हैं। मुझे बहुत भूख भी लग रही है, इसी बहाने खाना भी हो जाएगा।”
राज बोला “हां हां क्यों नहीं, आज वाकई जश्न मनाने का दिन है, चलो तुम सब मेरे घर चलो। वहीं पर हम लोग पार्टी करते हैं। इसी बहाने आज अरसलान मेरे पापा से भी मिल लेगा। रूबी आपा को भी कॉल कर दो, वह भी वहीं पहुंच जाएंगी और उनको अभी कुछ भी बताना मत कि किस लिए हम लोग एक साथ मिल रहे हैं। उन्हें हम सरप्राइज देंगे, वह भी यह न्यूज़ सुनकर बहुत खुश हो जाएंगी।”
हिना बोली “ठीक है, वैसे एक बात बताओ, किसके मिलने पर इतना खुश हो तुम, नौकरी के लिए या फिर सिमरन के लिए!” इस पर सब ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगे और वो सब राज के घर के लिए चल पड़े।
रूबी की तन्हाई.. रूबी का दर्द..दिल की गहराई मैं एक खामोश गूँज!
राज के घर पर, सब राज के पापा जो कि एक रिटायर्ड आर्मी मैन थे, उनसे मिले और उनको सब कुछ बताया। उनका नाम मेजर शेखर था। मेजर शेखर ने सब दोस्तों को मुबारकबाद दी।
मेजर शेखर अरसलान से बोले “तुम्हारे बारे में राज ने कई बार बताया है। तुमसे मिलने का इंतजार देख रहा था, आज मिल भी लिया। जैसा राज ने कहा था, तुम उससे भी ज्यादा लायक हो बेटा।”
अरसलान बोला “शुक्रिया अंकल, ये सब आपका आशीर्वाद है।”
मेजर शेखर “भाई मैंने तुम सबके सारे किस्से सुने हैं, राज बताता रहता है। तुम्हारे एक्सीडेंट का भी पता चला, पर बेटा उस वक्त मैं शहर में नहीं था। इसलिए तुम्हें देखने नहीं आ पाया।”
तभी रूबी भी वहां आ पहुंची, सबने उसे घेर लिया। रोहित बोला “दीदी बताएं हम सब आज यहां इखट्टा किस लिए हुए हैं।”
रूबी बोली “मुझे नहीं पता, पर मैं काफी जरूरी काम छोड़कर आई हूं। अगर बेकार की बात हुई तो मैं तुम्हारा बैंड बजा दूंगी।”
हिना बोली “वक्त नहीं बेकार होगा आपका, ज़रा इन इन्वेलप्स को तो देखिये।” रूबी ने एक लिफाफे को देखा फिर बाकी को देखा, उसके चेहरे पर खुशी झलकने लगी।
तभी मेजर शेखर बोले “रूबी बेटा कैसी हो, बड़े दिन बाद यहां आई हो, वह भी सबकी वजह से, अपने अंकल की याद नहीं आती तुमको कभी।”
रूबी बोली “नहीं अंकल यह बात नहीं है, आप को कैसे भूल सकती हूं, बस मसरूफियत ज्यादा है।”
रूबी झुक कर मेजर शेखर का आशीर्वाद लेने लगी तो मेजर शेखर ने उसे रोकते हुए बोला “अरे बेटी की जगह कदमो में नहीं दिल में होती है,” यह कहकर उसे प्यार से गले लगा लिया।
फिर मेजर शेखर ने पूछा “और बताओ बेटा जावेद कैसा है, काफी टाइम से आया नहीं।”
रूबी का चेहरा मुर्झा गया। वह कुछ ना बोली। मेजर शेखर बोले “यानी अभी तक ……………….”
तभी हिना बोली “चलो नाश्ता तैयार है। जल्दी आ जाओ सब।” रूबी उस तरफ चली गई। मेजर शेखर उसे देखते रहे, उनकी आंखों में अफसोस था।
अरसलान ने दोनों की बातें सुन ली थी। उसे भी गहरा धक्का लगा। फिर वह भी सबके पास चला गया।
देर शाम तक सब लोग साथ रहे, फिर सब अपने अपने घर को चले गए। अरसलान और न्यूटन राज के कहने पर राज के साथ ही उसके घर रुक गए।
रात में अरसलान ने राज से पूछा, “राज यह जावेद कौन है। रूबी आपा का उनसे क्या रिश्ता है?”
राज ने जवाब दिया “वह उनके हसबेंड हैं। वह अलग रहते हैं। दोनों में लड़ाई हो गई है। एक साल होने वाला है।”
न्यूटन बोला “लड़ाई तो बस एक बहाना है। वह तो किसी दूसरी लड़की के साथ रहते हैं।”
अरसलान बोला “कौन है वह लड़की?”
राज ने बताया “पता नहीं, कोई है, पर उस चक्कर में दोनों का अच्छा खासा संसार खराब हो गया है। शादी के बाद दोनों काफ़ी खुश थे। शादी के एक साल बाद यह लड़की जावेद जी से टकरा गई और तभी से…”
फिर कुछ सोचते हुए अरसलान बोला “हम लोगो को उस लड़की का पता लगाना पड़ेगा। हम लोगों को कुछ करना होगा। ऐसे तो दो लोगों की जिंदगी खराब हो जाएगी।”
न्यूटन बोला “सही कह रहे हो, पर हम यह करेंगे कैसे?”
अरसलान बोला “पहले पता तो चले कि माजरा क्या है। पर यह बात हम तीनों के अलावा किसी और को नहीं बताना।”
फिर अरसलान ने राज से कहा “अब तेरा दो दिन बाद का क्या प्लान है?”
राज बोला “दो दिन बाद ऑफिस जाना है और क्या!”
न्यूटन जरा इत्रा कर बोला “वह तो ठीक है, सिमरन जी से क्या कहोगे राज बाबू…”
अरसलान बोला “हां भाई सिमरन जी से अपने दिल की बात कैसे कहोगे … श्रीमान आशिक।”
राज बोला “तुम दोनों मेरी खिंचाई बंद करो। मैं तो वैसे ही पागल हो गया हूं, कुछ समझ नहीं आ रहा, यारों। पता नहीं कैसे बात बढ़ेगी।”
न्यूटन बोला “यार तू तो गया।” फिर वह गाने लगा “अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख्याल है, क्या करूं प्यार में दीवानों जैसा हाल है।”
अरसलान भी उसकी ताल में ताल मिलाने लगा और राज बेचारा चुप-चाप बैठा दोनों को घूरता रहा।
सही वक्त पर सब ऑफिस पहुंचे। सब कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे हुए थे, तभी सिमरन अंदर आई।
“गुड मॉर्निंग एंड वेलकम टू सीडब्ल्यूएस ग्रुप। मुझे आशा है कि आप सभी के पास यहां एक प्रोडक्टिव और अच्छा समय होगा।”
सबने बोला “थैंक्स सिमरन मैम।”
सिरमन बोली “पहली बात, मैं मैम नहीं हूं। हम सब एक ही उम्र के हैं, और वैसे भी हम लोग एक दूसरे के नाम से ही एक दूसरे को पुकारते हैं। और मैं कोई बहुत पुरानी तो हूं नहीं। सीडब्ल्यूएस के ओल्ड ऑफिस को तीन महीने पहले ज्वॉइन किया था, न्यू ऑफिस में रिक्वायरमेंट थी तो मुझे यहां भेज दिया गया। तो यार आप सब मुझे दोस्त की तरह ट्रीट करो, सही रहेगा। बाकी काम में मजा भी आएगा।” सब बोले “जी बिल्कुल सही है सिमरन।”
फिर सिमरन उनको काम की डिटेल्स देने लगी। वहां वो सब क्या करते हैं। सब ध्यान से उसकी बात सुन रहे थे। राज फिर सिमरन को ही निहार रहा था। उसकी हर बात उसे अच्छी लग रही थी, अपने ही ख्यालों में था कि तभी सिमरन ने राज से कहा “राज तुम्हें कुछ पूछना है। तुमने अभी तक कोई बात नहीं की।” राज फिर हड़बडा गया “नहीं सिमरन जी मुझे सब समझ आ रहा है।”
सिमरन ने राज को देखा फिर बोली “सिमरन जी से आपका मतलब?” राज फिर बोला “सॉरी सिमरन जी मतलब सिमरन।”
सिमरन मुस्कुरा दी और फिर बोली “चलो सब लोग एक ब्रेक लेते हैं, पहले दिन इतना ज्यादा काम सही नहीं। आओ सब कैफेटेरिया में, चाय वगैरह पी लेते हैं।”
कैफेटेरिया में सब लोग चाय कॉफी के साथ नॉर्मल बात कर रहे थे। इसी तरह पूरा टाइम निकल गया। शाम को ऑफिस से निकलते हुए। सिमरन परेशान सी दिख रही थी। वह उनके पास पहुंची और बोली, “पता नहीं मेरी स्कूटी को क्या हुआ है, स्टार्ट नहीं हो रही। और यहां आस-पास कोई मैकेनिक भी नहीं मिलता।” इस पर रोहित बोला, आप कहां रहती हैं?
सिमरन ने ऐड्रेस बताया, तो रोहित ने बोला “देखिए आज राज को उस तरफ काम भी है। आप एक काम कीजिए, आप राज के साथ मेरी गाड़ी में चली जाइए। मैं आपकी स्कूटी को चेक करवा लेता हूं। कल आप ले जाइएगा। बिल्डिंग के गार्ड को बता देते हैं।” सिमरन ने राज को देखा तो वह फिर घबरा गया।
रोहित बोला “यार राज तुमने कहा था न कि कोई काम है उस तरफ तुम्हें, मैं चला जाता पर मुझे उल्टा पड़ेगा। तुम चले जाओ। रास्ते में सिमरन को ड्रॉप कर देना, बाइक मैं लेता जा रहा हूं। कल कार लेते आना। राज कुछ समझता उससे पहले ही रोहित ने राज की तरफ कार की चाबी फेंक दी।
सिमरन कार में बैठ गई। फिर राज भी कार में बैठकर सिमरन के साथ निकल गया।
“चलो यार इसकी गाड़ी तो बढ़ी। वरना पता नहीं, कभी इसे ऐसा मौका मिलता भी कि नहीं।” रोहित हंसते हुए बोला। न्यूटन बोला “मतलब क्या है?”
रोहित बोला, “अभी समझाता हूं, जरा इधर आओ सब।” रोहित सबको सिमरन की स्कूटी के पास लेकर आया, फिर उसने झुक कर साइलेंसर से एक कपड़े का टुकड़ा निकाला जिसमें कुछ गीली मिट्टी का गोला पड़ा था। वह सबको देखते हुए बोला “कुछ समझे तुम लोग!” हिना बोली “इससे क्या समझे, जरा सही सही बता रोहित।”
रोहित बोला “बात यह है कि स्कूटी बिल्कुल सही है, बस इस कपड़े और मिट्टी के ढेले की वजह से नहीं स्टार्ट हो रही थी, पुराना आइडिया है, आलू, आटे का पेड़ा या मिट्टी का ढेला बनाकर गाड़ी के साइलेंसर में फंसा दो तो गाड़ी स्टार्ट नहीं होती। मैंने मौका देखकर यही किया। ताकि हमारे राजा बाबू को थोड़ा सा समय सिमरन जी के साथ अकेले मिल जाए। ताकि वह बेचारा कुछ बात तो कर ले सिमरन से। “सब हसने लगे, फिर सना बोली” तो ये सब तेरी करस्तानी है। पर अगर उसने कुछ नहीं बोला या बात नहीं की तो?”
“तो उसका कुछ नहीं होने वाला। तब उसे भगवान भरोसे छोड़ना पड़ेगा।” रोहित बोला।
सना बोली “मान गए रोहित तेरे को, खाने के अलावा तुझे और भी कुछ सूझने लगा है।”
इसपर सब हंस पड़े। फिर गार्ड को बताकर वो सब भी वहां से चले गए।
वोह ग़ैर मुतवका लेकिन एक रूमानी सफर!
रास्ते में, राज चुप चाप गाड़ी में बैठा ड्राइव कर रहा था। सिमरन बोली “राज थैंक्स, वैसे क्या काम है तुमको वहां पर?” राज हड़बड़ा कर बोला “वो… वो कुछ खास काम नहीं, बस मंदिर जाना है मुझे।” उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सिमरन बोली “तुम सिर्फ़ मंदिर जाने के लिए इधर आ रहे हो, कोई खास बात है क्या? मंदिर तो तुम कहीं भी जा सकते हो।” राज “वो मैंने वहां पर पहले मन्नत मांगी थी, कि अगर मुझे जॉब मिलेगी तो मैं यहां आऊंगा।”
सिमरन बोली “ओह! अच्छा, अगर तुमको कोई प्रॉब्लम न हो तो मैं भी मंदिर चल सकती हूं तुम्हारे साथ, कई दिन हुए मुझे भी मंदिर गए हुए। वैसे कौन से मंदिर में जाना है?”
राज बोला “हां, चलिये मुझे क्या इश्यू होगा। मंदिर तो सभी जाते हैं, आप भी चलिए। यहां पास के मनिक मंदिर जाना है।” राज अब मन ही मन में रोहित को कोस रहा था कि कहां फंसा दिया।
फिर थोड़ी देर में दोनों मंदिर में खड़े थे। दोनों ने पूजा सामग्री ली और मंदिर में चले गए। दोनों हाथ जोड़े खड़े थे कि तभी राज की नजर सिमरन पर पड़ी, सर पर दुपट्टा ओढ़े वह उसे उस वक्त और ज़्यादा अच्छी लग रही थी। तभी सिमरन ने अपनी आंखें खोली और उसे अपनी तरफ देखते हुए पकड़ लिया। उसने इशारे से पूछा कि क्या हुआ, तो राज ने नहीं में सर हिला दिया। फिर थोड़ी देर में वो दोनों मंदिर से बाहर आ गए। बाहर निकलकर वो कार में बैठ गए, थोड़ा आगे चले तो रास्ते में जाम लगा था। अब कार काफ़ी धीरे-धीरे चल रही थी।
सिमरन बोली “मेरी वजह से तुमको यहां जाम फेस करना पड़ रहा है।” राज बोला “नहीं ऐसा कुछ नहीं है, जाम तो सभी जगह लग जाता है।”
सिमरन बोली “राज एक बात बोलो, तुम मुझसे इतना घबरा घबरा कर बात क्यों करते हो? क्या तुम्हारा नेचर ही ऐसा है या सिर्फ तुम मुझसे ही ऐसे बात करते हो। मैं जब तुमसे बात करती हूं तुम घबरा जाते हो और छोटा सा जवाब देकर चुप हो जाते हो।” राज बोला फिर हकलाने लगा “नहीं ऐसा कुछ नहीं है। मैं कब घबराता हूं।”
सिमरन मुस्कुराते हुई बोली “तुम अभी फिर हकला रहे हो। मैं इतनी बुरी और खतरनाक तो नहीं हूं, ना मैं तुमसे कोई खूसट बॉस की तरह बात करती हूं। बाकि तुम्हारे सारे दोस्त तो नॉर्मल बिहेव कर रहे हैं, तुम ही बस………”
राज बोला “नहीं असल में मुझे अभी आपके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है, तो थोड़ा इश्यू है।” सिमरन बोली “अगर मुझसे बात नहीं करोगे तो मेरे बारे में जानोगे कैसे?” सिमरन फिर मुस्कुरा दी।
राज, क्या तुम्हें पता है मुझे मार्शल आर्ट्स भी आता है?
फिर वह बोली “चलो मैं तुमको अपने बारे में बताती हूं, मैं सिमरन सिंह हूं। मैं दिल्ली की हूं। आई एम ए फ्रेश ग्रेजुएट, एमबीए कॉरेस्पोंडेंस से शुरू हो गया है। मैं सीडब्ल्यूएस में मैनेजमेंट ट्रेनी हूं, लेकिन न्यू कमर्स को ट्रेन भी करती हूं। मुझे नींद अच्छी लगती है। चोकोबार आइसक्रीम मुझे पसंद है, शाहरुख खान मेरा फेवरेट एक्टर है, क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है। और एक जरूरी बात, मुझे मार्शल आर्ट्स भी आता है, सो बी केयरफुल।”
राज को हंसी आ गई, खिलखिला के हंसने लगा। सिमरन भी हंसती हुई बोली “देखा और तुम पता नहीं क्यों घबरा रहे थे। वैसे इसमें हंसने की कौन सी बात है यार?”
राज बोला “मार्शल आर्ट वाली” फिर वह और हंसने लगा। सिमरन बोली “झूठ नहीं बोल रही, कइयों का तो सर भी तोड़ा है मैंने, अगर कहो तो तुम्हारा भी तोड़कर डेमो दिखाती हूं।” सिमरन ने पंच बनाकर मुस्कुराते हुए राज को पोज दिया, तो वह बोला “नहीं यार, मुझे पक्का यकीन है।” वो लोग आगे बढ़ने लगे। तभी राज एक आइसक्रीम की दुकान देखकर कार रोकने लगा।
सिमरन बोली “क्या हुआ। तुमने कार क्यों रोक दी।” राज उतरा और फिर सिमरन की तरफ जाकर दरवाजा खोलते हुए बोला, “सिमरन साहिबा क्या आप मेरे साथ एक चोकोबार आइसक्रीम खाने की तकलीफ करिएगा।”
सिमरन बोली “हां पर मैं दो खाउंगी, और साथ में मुझे एक दो फ्लेवर और खाने हैं।” राज बोला “जी बिल्कुल पर एक शर्त है, कि आप मेरा सर नहीं तोड़ेंगी।” सिमरन ने हंसते हुए कहा “उसके बारे में मैं बाद में सोचूंगी। चलो पहले हम आइसक्रीम खाते हैं।”
फिर वो आइसक्रीम की दुकान में चले गए। वहां जाकर उन दोनों ने ऑर्डर दिया और फिर एक टेबल पर बैठ गए। फिर टेबल पर आइसक्रीम आ गई और उसे खाते हुए दोनों और बातें करते गए। राज सिमरन को देखता रहा, उसकी बातें, हंसी हर अदा उसे पसंद आने लगी थी। फिर थोड़ी देर बाद वह दोनो वहां से निकले।
सिमरन का घर और उसका अकेलापन
अब राज सिमरन से काफी नॉर्मली बात कर रहा था। फिर उसने सिमरन के घर के आगे गाड़ी रोकी। सिमरन उतर कर बोली “थैंक्स राज फॉर लिफ्ट एंड आइसक्रीम, मजा आ गया, अंदर चलो मैं तुमको अपने दादाजी से मिलवाती हूं।”
राज बोला “फिर कभी, आता हूं आज देर हो जाएगी।”
सिमरन बोली “नहीं आज ही, वरना मैं सर तोड़ दूंगी तुम्हारा।” सिमरन ने राज की तरफ का दरवाजा खोला और उसे बाहर आना ही पड़ा।
राज बोला “अगर अपने सर से मुझे मोहब्बत ना होती तो ना चलता आज।”
दोनो हंसते हुए अंदर दाखिल हुए। सिमरन दादू दादू कहते हुए, अंदर आई। हॉल में एक बड़ी सी तस्वीर लगी थी, जिसके पास आकर सिमरन ने झुक कर प्रणाम किया।
फिर पलट कर बोली “राज यह है मेरे दादू।”
राज बोला “पर यह तो…”
सिमरन मुस्कुराकर बोली “हां दो साल पहले यह दादी और मॉम डैड के पास चले गए, पर यह हमेशा मेरे पास ही रहते हैं। मैं इनको सब कुछ बताती हूं।”
राज बोला “आपके माता-पिता कब ………”
सिमरन बोली “मुझे वो तो याद नहीं। दादा दादी ने ही पाला था, दादी जब मैं 15 साल की थी तो चली गई, फिर दादू भी, पर मुझे लगता है कि वह हमेशा मेरे साथ रहते हैं।”
“पर आपको अकेले डर नहीं लगता यहाँ।” राज ने कहा तो सिमरन बोली “भूल गए, मुझे मार्शल आर्ट आती है।”
राज हंसने लगा, तो सिमरन भी हंसते हुए बोली, कि यहां पास में सब अच्छे लोग हैं, कोई परेशानी नहीं आती।
फ़िर सिमरन बोली “लो मैंने तुमको चाय या कॉफ़ी के लिए तो पूछा भी नहीं।”
राज बोला “वह मैं दूसरी बार आऊंगा तो पी लूंगा, क्योंकी आइसक्रीम कुछ ज्यादा हो गई है। अब मैं चलता हूं, अपना ख्याल रखना। कल ऑफिस में मिलते हैं।”
“ठीक है, लिफ्ट और आइसक्रीम के लिए शुक्रिया।” सिमरन मुस्कुरा कर बोली।
“हम दोस्तों के बीच सॉरी और थैंक्स की जगह नहीं है। और अब तुम भी हमारी दोस्त हो। वेलकम टू अवर टीम। कॉलेज में हमारी टीम चांडाल चौकड़ी के नाम से फेमस है।”
“चांडाल चौकड़ी ! कूल है, ठीक है मुझे तुम लोगों के साथ अच्छा लगेगा।”
राज बोला “श्योर, चलो चलता हूँ।” फिर मुस्कुराते हुए बाहर निकला। कार में बैठते हुए उसने देखा कि सिमरन उसे बाय कर रही थी। राज ने भी उसे बाय किया और फिर कार घर की तरफ बढ़ा दी।
राज सोचने लगा कि कितनी अच्छी और सच्ची है दिल से यह। कोई छल नहीं, बिल्कुल सादगी से रहती है, चंचलता है। पर जिंदगी को सीरियसली लेती है। शायद यही है वह लड़की जिसको वह ढूंढ रहा था। फिर सोचा, सिमरन तुम काफी अकेले रह ली हो, अब ज्यादा देर तुम्हें अकेला नहीं रहना पड़ेगा। और तस्वीरों से बात नहीं करनी पड़ेगी। जल्द ही तुमको ले जाऊंगा अपने घर। राज मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया।
Some Beautifull Quotes of Love
- Love’s Prelude: A Glimpse of Love and First Triumph,
- A Glimpse of Love, a Taste of Triumph: The Unique Blend of First Glance and Success
- A Glimpse of Love, an ethereal dance of souls in the symphony of shared glances, As dawn breaks,
- A Glimpse of Love paints the sky with hues of passion and promise, In the moonlit garden of emotions,
- A Glimpse of Love blooms like a rare, fragrant flower
- In the quiet sanctuary of the heart, A Glimpse of Love is the sacred flame that never fades.
- In the Garden of Success, Every Petal Bears the Fragrance of a Taste of Triumph.
- In the quiet sanctuary of the heart, A Glimpse of Love is the sacred flame that never fades.
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