
Devil A Hidden Secret
डेविल… एक छुपा राज़!
जुर्म की दुनिया में एक नाम बहुत मशहूर था, डेविल! जिसका नाम जुर्म की दुनिया में दहशत और इज़्ज़त से लिया जाता था। डेविल.. जिसे जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह कहा जाता था। कत्ल, स्मगलिंग, ड्रग्स, हथियार और भी बहुत सारे गैर कानूनी काम में मुलाविस था, उसने अपना एक बहुत बड़ा नेटवर्क फैला रखा था।
पर डेविल कौन है, असल ज़िन्दगी में क्या है, कैसा दिखता है, किसी को नहीं मालूम। इसलिए डेविल पर कानून की नजर तो थी, मगर आज तक कोई उसपर हाथ नहीं डाल पाया था।
तो आइए इस कहानी के ज़रिये डेविल की उस छुपी हुई राज़ दार ज़िन्दगी में झाँकने की कोशिश करते हैं. पूरी उम्मीद है, आपको यह कहानी पसंद आएगी..
डेविल… एक छुपा राज़! | Devil A Hidden Secret!
रात का वक्त था। आलिम इस वक़्त अपने रूम में बैठा सिगरेट का कश लगाने में मसरूफ था। कमरे मे बेहद खामोशी और अंधेरे का राज था। वो बैठा सिगरेट के धुएं को उड़ा रहा ही था कि उसे कॉल बेल की आवाज़ सुनाई दी…
आलिम एक झटके से सोफे से उठा और रूम की लाइट्स ऑन की, फिर नजर Wall Clock पर घुमाई, जहां रात का 1 बज रहा था… उसने सोचा रात के इस वक़्त कौन आ सकता है? वो भी इतनी शदीद ठंड में। वो खड़े होकर ये सोच ही रहा था कि उसे कॉल बेल की आवाज़ दोबारा सुनाई दी। फिर “आलिम ने बिना किसी गर्म कपड़े के ही बाहर जाने के लिए क़दम बढ़ा दिया”…
आलिम ने अपने घर के मेन गेट पर एक अलग तरह की सिक्योरटी रेंज लगा रखी थी। वो एक ऐसा सिक्योरटी सिस्टम था, जो नजर में ना आने वाली रेंज से बना हुआ था। उसकी वजह से उसके घर में कोई भी दाखिल नहीं हो सकता था, जब तक कि आलिम खुद ना चाहे। क्योंकि उसका कंट्रोल आलिम के फोन से कनेक्ट था। जब आलिम ने अपना फोन ऑन किया तो गेट के बाहर की वीडियो उसके फोन पर चलना शुरू हो गई।
वीडियो का मंज़र काफ़ी दिलचस्प था, जिसे आलिम बड़े ही पुरसुकून होकर देख रहा था। दरवाज़े के दूसरी तरफ एक लड़की थी, जो कांपते हाथों से कभी कॉल बेल बजा रही थी तो कभी ज़ोर ज़ोर से दरवाज़ा पीठ रही थी, वो लड़की डरी सहमी बार बार अपने पीछे देख रही थी। फिर वहां अचानक चार लड़के आ गए, जो अपनी मकरू हसी और हवस भरी नज़रों से उसकी तरफ बढ़ रहे थे।
ये देख लड़की खौफज़दा होकर और तेज़ तेज़ दरवाज़ा बजाने लगी…कि इतने में ही एक लड़के ने उस लड़की का हाथ पकड़ लिया और दूसरे ने उसका दुपट्टा खींचा। उन लड़कों ने उस लड़की के साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। वो लड़की अब ज़ोर ज़ोर से चीख चिल्ला रही थी…..!
वहां आलिम के अलावा और कोई भी ना था, जो उसकी आवाज़ सुनता। और जो सुन रहा था वो तो सिर्फ तमाशा देख रहा था “ इतने में उन लड़कों में से एक लड़के ने सबको पीछे किया और बोला पहले मैं बाद में तुम लोग। वो सब कहकहा लगाने लगे और फिर वो लड़का उस लड़की पर झुकने ही लगा था कि तभी कोई तीर की तेज़ी से आया और एक पल में उसने उस लड़के को गर्दन से पकड़कर एक झटके से उस लड़की से दूर कर दिया। वो अचानक से आया शख्स कोई और नहीं बल्कि आलिम था।
वो लड़की जो कि अपनी आखें बंद करके चीख रही थी। अचानक कुछ ना होने पर उसने अपनी आखें खोली और देखने लगी कि वो लड़का ज़मीन पर पड़ा दर्द में कराह रहा है। आलिम उस डरी सहमी लड़की को देख ही रहा था कि तभी अचानक से वो तीनो लड़के आलिम की तरफ आए, जिनमें से एक के हाथ में पिस्तौल थी। लड़के ने मौका पाते ही आलिम की पुष्त पर गोली चलानी ही चाही थी कि वो लड़की चिलाई, बचिए वो मार देगा आपको……वो लड़की चीख ही रही थी, लेकिन आलिम के सुकून में कोई कमी नहीं थी। वो वैसे ही खड़ा हुआ था।
जो लड़का बंदूक लेके आलिम के पास आ रहा था उसे आलिम ने एक झटके से घूम कर गले से दबोचा। उसकी मज़बूत गिरफ्त में आने से उस लड़के के हाथ से पिस्तौल गिर गई। आलिम ने उन लड़कों को एक एक करके सबक सिखाया…. और अब वो चारो लड़के ज़मीन पर पड़े हुए थे। ऐसे ही आलिम को जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह नहीं कहा जाता था। उसके लिए इन चार लड़कों को सबक सिखाना कोई बड़ी बात नहीं थी। उसने बहुत से कत्ल किए थे और वो भी बड़ी ही बेरहमी से।
अब आलिम अपने हाथ झाड़ते हुए उस लड़की की तरफ आया, जो खौफ से कांप रही थी। इस ठंड के मौसम में रात के एक बजे लड़की के जिस्म पर कोई मुनासिब कपड़े नहीं थे। उसके सिर से खून निकल रहा था और आँखें भी सूजी हुई थीं। लड़की की ये हालत देखकर आलिम ने उसका नीचे गिरा हुआ दुपट्टा उठाया और उसे दिया।
लड़की ने फौरन अच्छी तरह खुद को कवर कर लिया। कौन हो तुम और इस वक़्त यहां क्या कर रही हो और ये लोग कौन थे? “आलिम ने लड़की से पूछा”। मेरा नाम दानिया है, मैं बनारस में रहती हूं, मेरे पापा एक गवर्मेंट कॉलेज में टीचर हैं।
आलिम ने कहा – तुम बनारस की हो तो यहां भोपाल में क्या कर रही हो? दानिया ने रोते हुए कहा – मैं यहां अपनी सहेली के यहां उसकी शादी में आयी थी, और उसी के फ्लैट में रुकी थी। उसकी शादी की तैयारियों में उसकी मदद करवा रही थी। तभी मैं मेरी सहेली की बहनों के साथ मार्केट कुछ सामान लेने गई थी। मार्केट में बहुत ज़्यादा भीड़ होने की वजह से मैं और मेरी सहेली की बहनें अलग अलग हो गईं और फिर मुझे उन लोगो को ढूंढते ढूंढते रात हो गई, लेकिन वो लोग नहीं मिली। और फिर मैं रास्ता भटक गई।
मैं अपनी सहेली का घर ढूंडने के लिए जा ही रही थी कि रास्ते में ये लड़के मुझे परेशान करने लगे। मैं बहुत मुश्किल से वहां से अपनी जान बचा कर यहां आई। लेकिन ये लोग यहां भी मेरे पीछे आ गए।
तो तुम उनको फोन भी तो कर सकती थी – आलिम ने कहा। हां, लेकिन मेरा बैग जिसमें मेरा फोन, आईडी कार्ड और पैसे थे, वो सना दीदी के पास रह गया था – दानिया दबी आवाज़ से बोली।
आलिम ने उसकी बात सुनी और उसे अपने घर में अन्दर आने को कहा। दानिया भी चुपचाप अंदर चली आई। घर के अंदर आते ही आलिम ने हीटर ऑन किया और अपने रूम से अपनी गर्म शॉवल लेकर आया और दानिया को दी। दानिया जो कि इतनी शदीद सर्दी के वजह से कांप रही थी, उसने बिना किसी ऐतराज़ के वो शॉल आलिम से ले ली।
आलिम ने उसे देखा फिर कुछ देर बाद बोला – तो अब कैसे जाओगी तुम अपनी सहेली के घर? रास्ता तुम्हें याद नही। जगह का नाम तो याद होगा? दानिया ने नहीं में सर हिलाया और रोने लगी। ये देख आलिम को कोफ्त हुई और उसने गुस्सा होते हुए कहा – देखो लड़की ये रोना धोना बंद करो और याद करो कि तुम्हारी सहेली कहां रहती है, ताकि मैं तुम्हें वहां पहुंचा सकूं।
दानिया के रोने में अब तेज़ी आना शुरू हो गई थी, जिस वजह से आलिम ने उसे चिल्लाकर खामोश होने को बोला और फिर दानिया उसके चिल्लाने पर डर के चुप हो गई। कुछ देर की खामोशी के बाद आलिम खड़ा हुआ और बोला आओ दानिया। आलिम के गुस्से से डर के चुप हुई दानिया, उसके बोलने पर खड़ी हो गई और उसके पीछे चलने लगी। आलिम उसे एक रूम में लाया और बोला – जब तक तुम्हे तुम्हारे घर नहीं पहुंचाता तुम यही रहोगी – ये कह कर आलिम वहां से चला गया।
सुबह हुई दानिया उठी और वॉश रूम में जाकर अपने चेहरे को पानी से साफ करने लगी। तभी उसने अपनी चोट वाली जगह देखी, जहां खून अब जम चुका था और दर्द था। आलिम जो कि सुबह सुबह उठकर रोज़ अपनी प्रैक्टिस करता था। आज भी वो अपनी कार-कर्दगी में मसरूफ था कि तभी अचानक उसे अपनी तरफ किसी के आते हुए कदमों की चाप सुनाई दी। वो एकदम चौकन्ना हुआ और अपनी बंदूक का निशाना लिए एक झटके से घूमते ही रुक गया और हैरत भरी निगाहों से देखा। फिर उसके दिमाग में कुछ क्लिक हुआ और रात वाला वाक्या उसे याद आया।
दानिया जो उससे बात करने के लिए आई थी, उसे अपनी तरफ बंदूक का निशाना लेते देख एकदम से डर के रोने लगी। आलिम ने अपनी बंदूक का निशाना हटाया और बोला तुम यहां क्या कर रही हो? दानिया ने कांपते हुए कहा – वो आप ने सुबह मुझे घर भेजने के लिए कहा था। आलिम ने उसे एक नज़र देखा, फिर बोला – तुम्हारे घर में कौन कौन है?
दानिया ने कुछ सोचते हुए पूछा मेरे घर में?… हां ज़ाहिर सी बात है खोई तुम हो तो सवाल तुमसे ही करूंगा ना “आलिम ने कहा”। मैं और मेरे पापा “दानिया बोली”। और घर के बाक़ी लोग? मतलब भाई बहन? “आलिम ने पूछा” वो लोग नहीं हैं “दानिया बोली” क्या मतलब वो लोग कहां है? “आलिम ने इस बार दिलचस्पी से पूछा”। एक एक्सिडेंट में मर चुके हैं, अब बस मैं और मेरे पापा ही है – “दानिया बोली”।
आलिम ने उस लड़की को देखा और अच्छा बोलकर खामोश हो गया। कुछ देर बाद आलिम ने सोचते हुए उस लड़की से उसके बाप के बारे में पूछा, उनका नाम पूछा और वो किस कॉलेज में टीचर हैं ये सारी बातें पूछी। आलिम शाह एक काबिल बिज़नेस मैन और जुर्म की काली दुनिया का बादशाह था। बाहरी तौर पर एक बहुत सीधा-साधा दिखने वाला इंसान अंदर से क्या था ये कोई नही जानता था, क्योंकि उसका बिज़नेस की दुनिया में अलग नाम था।
दानिया को यहां आए आज एक हफ्ते से ज़्यादा हो गया था। आलिम अपने काम में इस कदर बिज़ी हो गया था कि वो दानिया को भूल ही गया था। आज सन्डे था। जब वो देर रात तक सोने के बाद सुबह कॉफी पीने के इरादे से किचन में जा रहा था तो किचन से उसे आती हुई आवाज़ सुनाई दी। जब उसने किचन के अंदर जाकर देखा तो दानिया उसे काम करती दिखी। उसने अपनी लापरवाही सोची और बोला तुम क्या कर रही यहां?
दानिया जो कि अपने काम में मगन थी, काम छोड़ कर देखने लगी और बोली – वो मैं खाना बना रही थी। तुम मुझे याद नहीं दिला सकती थी – आलिम ने कहा। आप घर में होते ही कहां हैं – दानिया ने कहा।
आलिम पलटकर रूम में गया और अपने फोन पर किसी को कॉल की और ज़रूरी बात करके फोन रख दिया। फिर दोबारा किचन में आया और बोला शाम तक तुम्हारे घर के बारे में पता करवा लूंगा। आलिम का इतना बोलना था कि दानिया खुश हो गई, और फिर देखते ही देखते वो वक़्त भी आ गया जब आलिम को उसके बाप के बारे में पता चल गया। साथ ही उसे ये भी पता चला के दानिया के बाप की दो दिन पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई।
दानिया उसके पास आई और बोली सर मेरे पाप के बारे में कुछ पता चला? आलिम ने उसे देखा और फिर न चाहते हुए भी उसे सब बता दिया। दानिया रोते रोते बेहोश हो गई। उसने उसे आहिस्ता से बेड पर लेटाया और खुद अपने घर के बेसमेंट की तरफ चला गया। बेशक उसका घर किसी महल से कम ना था, लेकिन इस महल में बहुत कुछ ऐसा था, जो छुपा हुआ था।।…
रात के दूसरे पहर दानिया की आंख खुली। उसने अपने चकराते दिमाग़ से उठना चाहा, मगर उठ ना सकी। फिर बेड पर बैठे बैठे उसने साइड टेबल पर रखे पानी के ग्लास को उठाने की कोशिश की, मगर वो हाथ लगते ही गिर गया। आलिम हॉल रूम के सोफे पर बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था। अचानक हुई आवाज़ पर वो अपने रूम की तरफ बढ़ा और सामने ही दानिया दोनो हाथों से सिर पकड़े फर्श पर बैठी रो रही थी। आलिम ने उसे उठाया और बेड पर बैठाया। फिर कुछ सोच के बोला दानिया मुझसे शादी करोगी?
देखो दानिया मैं जानता हूं कि तुम्हारे पापा के अलावा तुम्हारा कोई नहीं था। अब तो वो भी नहीं हैं और फिर तुम कहां जाओगी, इसलिए तुम मुझसे शादी कर लो, बाक़ी तुम्हारा जो फैसला। दानिया ने अपनी खामोशी तोड़ी और उसे हां कर दी। उन दोनों ने दूसरे ही दिन सादगी से निकाह कर लिया।
निकाह के बाद आलिम ऑफिस चला गया और दानिया घर में थी। वो अपने पापा की मौत पर बहुत उदास थी और उनकी बातें सोचते सोचते कब वो नींद की वादियों में उतर गई, पता ही नहीं चला। रात को जब उसकी आंख खुली तो उसने सामने आलिम को सोफे पर लैपटॉप पर काम करते देखा और उठ बैठी।
जाओ खाना खा लो – “आलिम ने कहा” हाथ लैपटॉप पर बड़ी ही महारत से चल रहे थे और आखें स्क्रीन पर टिकी थीं। बिला शुबाह आलिम शाह एक बहुत ही ख़ूबसूरत नक्श और अच्छी पर्सनैल्टी का शक्स था। दानिया जो बड़ी गौर से आलिम को देख रही थी, उसके अचानक घूरने पर घबरा कर रूम से बाहर निकल गई।
जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह | Devil the King of Underworld
दिन गुजर रहे थे। अब वो काफी हद तक आलिम के नेचर को समझने लगी थी।
आलिम दानिया को उसके बाप के घर भी लेकर गया, जहां उसने रो रोकर अपना बुरा हाल कर लिया था। इस वजह से आलिम फिर उसे दोबारा वहां नहीं लेकर गया। आलिम ऑफिस के काम के सिसिले में शहर से बाहर गया हुआ था। इधर दानिया बोर हो रही थी। ना ही वो कोई काम कर सकती थी, क्योंकि नौकरों के होते हुए आलिम की इजाज़त ना थी कि वो कोई काम करे।
दानिया घर के लॉन में लगे गुलाब की खुशबू को अपने अंदर उतारने लगी। वो इस बात से बेखबर थी कि कोई ये दिलचस्प मंज़र बेखुद होकर देख रहा है। जब दानिया की नज़रें उठी तो उसने खुद को एक अंजान शख्स को तकता हुआ देखा। दानिया उठकर फौरन अंदर की तरफ भागी। वो शख्स दानिया के पीछे ही अंदर की तरफ आया। फिर आलिम को आवाज़ देना शुरू कर दिया। उसकी आवाज़ पर एक नौकर सामने आया और बोला आलिम साहब घर पर नहीं है रयान साहब। वो शहर से कुछ दिन के लिए बाहर गए हैं।
रयान ने अपना सर हां में हिलाया। फिर उस लड़की के बारे में पूछा – वो लड़की जो अभी अन्दर गई हैं वो कौन थी? जी वो दानिया बीबी है साहब की बीवी।
क्या….आलिम ने दूसरी शादी करली “रयान खुद में बड़बड़ाया”।
कब की शादी? “रयान ने नौकर से पूछा”।
जी साहब एक माह पहले “नौकर बोला”।
और आलिम की पहली बीवी मतलब चाहत बीबी कहां है?….“उसने नौकर से पूछा”।
पता नहीं साहब “नौकर बोला”।
रयान और आलिम बहुत अच्छे दोस्त थे और साथ ही दोनो बिज़नेस पार्टरशिप में भी थे, इसलिए रयान आलिम की दूसरी शादी पर बहुत शॉक्ड हुआ।
रयान कुछ सोचते हुए घर से बाहर निकल गया।
वो इस सोच में था कि आलिम की पहली बीवी चाहत कहां होगी…..और आलिम की दूसरी शादी… ये सब सोचते हुए वो अपने घर आया और रूम में अपने केस की फाइल खोल के बैठ गया। रयान एक सिक्रेट पुलिस ऑफिसर था, जो खामोशी से गुनहगारों के बीच रहकर, उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाता था। वो चार साल से डेविल नाम के बंदे की तलाश में था, ये जाने बिना कि आलिम शाह ही जुर्म की दुनिया में डेविल नाम से मशहूर है।
“डेविल जो कत्ल, स्मगलिंग, ड्रग्स, हथियार और भी बहुत सारे गैर कानूनी काम में मुलाविस था, उसने अपना एक बहुत बड़ा नेटवर्क फैला रखा था, जिसपर कानून की नजर तो थी, मगर आज तक कोई उसपर हाथ नहीं डाल सका था। आलिम और रयान की मुलाकात मीटिंग के सिलसिले में चाहत से हुई थी। वो आलिम के मुकाबिल की सेक्रेट्री थी।
चाहत आलिम को अच्छी लगी थी, इसलिए आलिम ने उसको शादी के लिए प्रपोज कर दिया था… चाहत भी आलिम को पसंद करने लगी थी, इसलिए उसने आलिम को हां में जवाब दिया था, वो दोनों शादी करके बहुत खुश थे अपनी ज़िन्दगी में….फिर उन दो महीनों में रयान की गैर मौजूदगी में, ऐसा क्या हुआ?…
आलिम और चाहत की शादी के बाद रयान कुछ वक़्त के लिए अपनी फैमिली के पास गया हुआ था। उसकी फैमिली बाहर मुल्क में रहती थी और रयान अपने बिज़नेस और सीक्रेट जॉब की वजह से इंडिया में रहता था। रयान इसी सोच में उलझा था….रयान को ये बात हजम ना हुई और उसने अपनी शक्की तबियत के बरहक चाहत के बारे में पता लगाने का सोचा और फाइल बंद करके अपने ऑफिस की तरफ गया।
कुछ ही देर में उसने चाहत की शादी से पहले की सारी डिटेल्स निकाली और उसके घर पहुंचा। उसने दरवाज़ा खटखटाया तो सामने से एक कम उम्र के लड़के ने दरवाज़ा खोला, जो यक़िनन चाहत का भाई था। उसे जहां तक पता था चाहत एक ग़रीब घर की लड़की थी, जिसकी एक बूढ़ी मां थी और एक भाई था।
चाहत के भाई ने पूछा आप कौन?
जी मै रयान आलिम का भाई, चाहत से मिलना है। दीदी तो नही है यहां पर, आप अंदर आइए। रयान अंदर चला गया और फिर चाहत के बारे में पूछा। सामने से उसकी मां ने जवाब दिया, बेटा चाहत दो महीने से हमसे मिलने नहीं आयी, न ही उसने कोई फोन किया। रयान को ये सुनकर अब कुछ गड़बड़ी का अहसास हुआ।….रयान ने आलिम के घर जाने का इरादा किया और रात के अंधेरे में उसके घर दाखिल होने का प्लान बनाया।
दानिया जो कि उस अंजान शख्स को देखकर डर गई थी, उसने अपने रूम में आई एक कम उम्र की लड़की जो कि घर में काम करने वाली नौकरानी की बेटी थी उससे पूछा – वो कौन थे जो आए थे और क्या वो चले गए?..
लड़की ने उसे बताया कि वो आलिम साहब के दोस्त हैं और जा चुके हैं। रात होते ही रयान आलिम के घर के पिछले हिस्से से उसके घर में घुसने की फिराक में था। वो जान बूझकर सामने के गेट से जाना नहीं चाहता था। उसे डर था कि आलिम को पता न चल जाए, इसलिए वो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता था।
उसने अच्छी तरह से सारे सिक्योरटी सिस्टम और कैमराज़ को चेक किया और फिर अपनी पैंट की पॉकेट से एक छोटा सा डिवाइस निकाला। उस डिवाइस का बटन दबाते ही उसे सिक्योरटी सिस्टम के डिवाइस से कनेक्ट कर दिया, जिससे घर के सारे कैमरे और लॉक कुछ देर के लिए हैक हो गए।
लॉक खुलते ही रयान घर में घुसा। उसके पास ज़्यादा वक़्त ना था, इसलिए उसे जो करना था जल्दी करना था। वो दबे पांव घर के अंदर आया और पूरे घर में घूमकर एक एक रूम देखने लगा, जिसमें से उसे एक रूम में दानिया सोती मिली। वो उसे सोता देख चुपचाप वहां से निकला। जिस तलाश में वो यहां आया था, उसके हाथ ऐसा कुछ नहीं लगा, जिससे वो इस अनसुलझी पहेली को सुलझा सके। इसी सोच में वो घर के दूसरे हिस्से में दाखिल हुआ, जहां आलिम के अलावा कोई नहीं आता था, वो हिस्सा अंधेरे में डूबा हुआ था।
रयान को कुछ अजीब लगा। उसने अपने मोबाइल की फ़्लैश लाइट जलाकर रोशनी की और आगे बढ़ा। बहुत देर घूमने पर भी उसको कोई चीज ना मिली, तो थक कर उसने अपने पांव वापसी के लिए बढ़ाए ही थे कि अचानक उसे किसी की हल्के हल्के चीखने की आवाज सुनाई दी।
उसने रुक कर आवाज़ पर गौर किया और उसी तरफ अपने क़दम बढ़ाए…कुछ देर में वो एक सीढ़ी के पास खड़ा हुआ था, उसने अपने क़दम सीढ़ी के नीचे किए, लेकिन सीढ़ी के ख़त्म होते ही रास्ता ख़त्म होते देख रयान को हैरत हुई…..अभी उसकी हैरत ख़त्म भी ना हुई थी कि उसको अपने कदमों के नीचे से किसी के चीखने की आवाज आने लगी।
उसने झुक कर हाथ से उस जगह को चेक किया तो नीचे एक रास्ता जाता मिला, जहां से आती एक गन्दी सी बदबू उसकी नाक से आ लगी। उसने सबसे पहले अपनी नाक पर रुमाल रखा। फिर उस जगह उतरता गया। जैसे जैसे वो आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे उसको बेसमेंट में रखी वो तमाम चीज़ें रखी हुई दिख रही थीं, जिसकी स्मगलिंग होती थी। भारी तादाद में ड्रग्स, हथियार और भी बहुत कुछ था, जो कि गैर कानूनी तरीके से मुल्क में लाया गया था..…ये सब देखकर रयान को समझ आ गया कि आलिम ही डेविल है।
रयान ने बिना किसी देरी के अपने फोन से किसी को मैसेज किया और आगे की तरफ बढ़ा। उसे दो लड़के काफी खराब हालत में कुर्सी से बंधे मिले। उनकी हालत बहुत खराब थी। रयान ने उन लड़कों से पूछा कौन हो तुम लोग और यहां तुम्हे किसने रखा है? उन लड़कों ने उसे सब बता दिया कि आलिम ने उन्हें यहां कैद किया है और उनके दो साथियों को मार के उस रूम में फेंका है, जहां उसने अपनी बीवी को मार कर रखा है।
रयान उन लड़कों की बातें सुन ही रहा था कि इतने में उसके कुछ खुफिया ऑफिसर वहां आ गए, जिनकी मदद से रयान ने उन लड़कों को और दूसरे रूम से चाहत और दो लड़कों की लाश निकाली। रयान का इरादा अब दानिया को वहां से निकलने का था। वो नहीं चाहता था कि इस मासूम लड़की का भी वही हाल हो, जो चाहत का हुआ था।
वो जल्दी से दानिया के रूम में आया और उसे उठाया। दानिया जो कि नींद में थी, अचानक किसी अनजान को देखकर हड़बड़ा कर उठी और अभी वो चीखती ही कि रयान ने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसे सब बताने लगा। लेकिन दानिया उसकी किसी बात पर यकीन नहीं कर रही थी। इसलिए वो उसके मुंह को अपने हाथों से बंद करके वहां से निकल ही रहा था कि उसने सामने से आलिम को आते देखा।
दानिया ने खुद को रयान की गिरफ्त से आज़ाद कराया और भागकर आलिम के पास पहुंची। आलिम ने एक नजर देखा और फिर दानिया के बाल को सख्ती से पकड़ कर बोला – सच ही तो है सब जो ये बोल रहा है। लेकिन रयान तुमने मुझे धोका दिया है। अब देखना मै तुम्हारे साथ क्या करता हूं। क्योंकि मैं अपने साथ धोखा करने वाले को ज़िंदा नहीं छोड़ता और अब तुम्हारे साथ साथ ये लड़की भी तुम्हारी गलती की सज़ा भुगतेगी।
दानिया जो उसे बे यकीन नज़रों से देख रही थी, उसके खौफ से रोने लगी…हां दानिया तुम्हें पता है मैंने अपनी पहली बीवी चाहत को भी बड़ी ही बेरहमी से मारा था और आज तक उसकी लाश अपने पास रखी हुई है…मै उसे मारना नहीं चाहता था, बल्कि मै तो उसे बहुत प्यार करता था। है ना रयान?…वो बहुत अच्छी थी। मगर एक दिन उसको मेरी सच्चाई पता चल गई और फिर उसने मुझे मेरा काम छोड़ने पर मजबूर करना शुरु कर दिया। मैंने पहले तो उसे इग्नोर किया, लेकिन जब उसने मुझे पुलिस की धमकी दी और उस धमकी पर अमल करना चाहा तो मैंने उसे मार दिया…
अब मैं तुम दोनों को भी मार के उसी रूम में रखूंगा, जहां मैंने चाहत को रखा है, ये बोलते ही उसने अपने पास रखे चाकू से दानिया को मारना चाहा…
रयान जो कि चुपचाप खड़ा उसकी बातें सुन रहा था, उसने एक झटके से उसके हाथ से चाकू छीना और ज़मीन पर फेंका। साथ ही दानिया को एक धक्के से पीछे किया….और फिर रयान और आलिम एक दूसरे को मार रहे थे।
आलिम ने अचानक अपने पास रखी एक छोटी सी पिस्तौल निकाली और रयान पर फायर कर दी। रयान एक झटके से नीचे गिरा पड़ा, क्योंकि गोली उसके बाजु में लगी थी। अभी वो संभलने की कोशश ही कर रहा था कि आलिम ने गोली का रुख दानिया की तरफ किया। इससे पहले कि दानिया को गोली लगती, रयान ने फुर्ती से अपनी खुफिया पिस्तौल निकाली और आलिम पर एक के बाद एक फायर करता गया। आलिम कुछ ही देर में बेजान होकर नीचे गिर पड़ा…
थोड़ी देर बाद पुलिस की एक बड़ी टीम ने ये सब अपने अंडर लिया और रयान और दानिया को इस मंज़र से गायब कर दिया, क्योंकि रयान एक सीक्रेट ऑफिसर था और ऐसे ऑफिसर कभी मंज़र-ए-आम पर नहीं आया करते….!

फ़ोन कॉल से शुरू हुआ रिश्ता : Love Blossoms with A Phone Call
यह कहानी है, अबान और सनम की, जो शरू होती है एक Phone Call से। यह एक कॉल इन दोनों को करीब ले आती है। हमारी यह कहानी जो देखने में सामान्य लगती थी लेकिन दो जिंदगियों को हमेशा के लिए बदलने वाली थी। उनकी बातचीत के पहले कुछ मिनटों में ही कुछ जादुई घटित हुआ। उनकी आवाज़ें आपस में जुड़ गईं, जिससे एक ऐसा बंधन बन गया जिसे केवल शब्दों से समझाया नहीं जा सकता।
तो, पढ़ें एक सच्ची प्यार भरी कहानी जो एक फ़ोन कॉल से शुरू हुआ। यह अद्भुत कहानी एक युवक और लड़की के बीच हुई है, जो आपके दिल को छू जाएगी।
फोन कॉल एक अनोखे प्यार की दास्तान
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