ज़िन्दगी और माशरे की सचाई की मुतासिर कान शायरी का एक मजमुआह!

Life Shayari: Embracing Love and Wisdom Across Languages

Life Shayari: ज़िन्दगी और इसका सफर! यह एक बहुत गहरी और जज़्बाती चीज़ है. ज़िन्दगी के एहसासात का तजुर्बाह करते-करते हम को दुनिया और माशरे की कुछ अच्छे और बुरे पहलु पता चलता है । ज़िन्दगी के इसी पहलु को कुछ खूबसूरत शायरी से पेश करने की कोशिश इस पोस्ट मैं कर रहा हूँ। यह कुछ बहुत ही खूबसूरत और उम्दा लाइन्स हैं, जो हमारे और आपके जीवन के बारे में कुछ कह जाती हैं।


पता है , यहाँ से बहुत दूर, गलत और सही के पार, एक मैदान है.. मैं वहां मिलूंगा तुझे… जानिए इस शेर की पूरी कहानी यहाँ क्लिक कीजिये

Life Shayari: Experience the magic of Life Shayari in Hindi and English, where emotions know no language boundaries. Explore diverse themes, celebrate cultural fusion, and find daily inspiration in verses that speak to the soul.

“जिसने भी मेरी किस्मत लिखी है, अधूरी लिखी है, आजकल उसी को पूरा करने में लगा हुआ हूँ II”

Jisne bhi meri kismat likhi hai! Adhuri Likhi Hai, Aaj kal usi ko pura karne main laga huwa hoon!

अधूरी किस्मत और उसे पूरा करने की कोशिश को दर्शाती है। यह एक बहुत ही दर्द भरी और उम्मीदवान शायरी है, जो कि आपके जीवन के बारे में कुछ बताती है।

“इस दुनिया में खुद की मर्ज़ी से भी जीने के लिए, पता नहीं कितनों को अर्ज़ी देनी पड़ती है II”

Is Duniya main khud ki marzi se bhi jeene ke liye, pata nahi kitno ko arzi deni padhti hai!

यह शेर बताता है कि इस दुनिया में अपने ख्वाबों को पूरा करने के लिए हमें कई बार दूसरों की इउम्मीदों का सामना करना पड़ता है।

“कुछ तो आरज़ू रख, थोड़ा हौसला रख, ज़िंदगी जीने का अपना तरीका रख II”

Kuch to aarzoo rakh, Thoda hausla rakh, Zindagi Jeene ka apna tareeka rakh!

इस शेर के ज़रिये ज़िन्दगी को एक मौका देने की बात की गयी है,

“खेलने की उम्र में, मैंने काम करना सीख लिया I लगता है ज़िंदगी जीने का हुनर सीख गया II”

Khelne ki umar main maine kaam karna seekh liya! Lagta hai zindagi jeene ka hunar seekh gaya!!

ये शेर मेहनत और जज्बे को दर्शाता है। जब इंसान अपनी उम्र से पहले ज़िन्दगी की ज़िम्मेदरी उठाने लगता हैं तब वह वक़्त से पहले बड़ा हो जाता है.

“गिरे हुए पैसों को तो सब उठाते है, पता नहीं ये लोग अपना ईमान कब उठाएंगे II”

Gire Huye Paise Ko To Sab Uthate Hai Pata Nahi Ye Log Apna Iman Kab Uthaye Ge!

यह शायरी आज कल के माशरे के ईमान पर एक सवाल है, क्यूंकि आज का माशरा सायद अपना ईमान कही खो चूका है।

“ज़िंदगी भी किताब सी होती है, सब कुछ कह देती है खामोश रह के भी II”

Zindagi Bhi Kitaab Si Hoti Hai, Sab Kuch Keh Deti Hai Khamosh Rehkar bhi!

यह शेर ज़िंदगी के तजुर्बों और गहराइयों को बयान करता है।

“सोचता हूँ मेहनत की कलम से, ज़िंदगी की कहानी फिर से लिखूं II”

Sochta hoon mehnat ki kalam se, Zindagi ki kahani phir se likhoon!

यह शेर, जिंदगी को एक नयी शुरवात देने का हौसला देता है. यह इंसान के खुद एत्मादि और उम्मीद का एहसास जगती है।

रास्तों में भटका नहीं हूँ मैं, इतनी जल्दी क्या है, अभी तो घर से निकला हूँ मैं।

Raston se bhatka nahi hoon main, itni jaldi kya hai! abhi to ghar se nikla hoon main!

यह शेर कहता है की ज़िन्दगी को जीना सीखने मैं वक़्त लगता है, और ज़िन्दगी के तजुर्बे के लिए जल्दबाज़ी सही नहीं होती। ज़िन्दगी को वक़्त देना पड़ता है।

यह सब शेर एक गहरे एहसात लिए हुवे हैं। उम्मीद है की यह शेर आपको पसंद आएंगे. जल्दी ही अगली पोस्ट मैं मिलते है । तब तक ज़िन्दगी के तजुर्बे से सिखये और खुशदिली से आगे बढिये!


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Amaan

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