Teri Ulfat Main | Solitude of Ruby: A Silent Echo in the Heart’s Embrace
रूबी की तन्हाई.. दिल की गहराई मैं एक खामोश गूँज! | Solitude of Ruby: A Silent Echo in the Heart’s Embrace
राज के घर पर, सब राज के पापा जो कि एक रिटायर्ड आर्मी मैन थे, उनसे मिले और उनको सब कुछ बताया। उनका नाम मेजर शेखर था। मेजर शेखर ने सब दोस्तों को मुबारकबाद दी।
मेजर शेखर अरसलान से बोले “तुम्हारे बारे में राज ने कई बार बताया है। तुमसे मिलने का इंतजार देख रहा था, आज मिल भी लिया। जैसा राज ने कहा था, तुम उससे भी ज्यादा लायक हो बेटा।”
अरसलान बोला “शुक्रिया अंकल, ये सब आपका आशीर्वाद है।”
मेजर शेखर “भाई मैंने तुम सबके सारे किस्से सुने हैं, राज बताता रहता है। तुम्हारे एक्सीडेंट का भी पता चला, पर बेटा उस वक्त मैं शहर में नहीं था। इसलिए तुम्हें देखने नहीं आ पाया।”
तभी रूबी भी वहां आ पहुंची, सबने उसे घेर लिया। रोहित बोला “दीदी बताएं हम सब आज यहां इखट्टा किस लिए हुए हैं।”
रूबी बोली “मुझे नहीं पता, पर मैं काफी जरूरी काम छोड़कर आई हूं। अगर बेकार की बात हुई तो मैं तुम्हारा बैंड बजा दूंगी।”
हिना बोली “वक्त नहीं बेकार होगा आपका, ज़रा इन इन्वेलप्स को तो देखिये।” रूबी ने एक लिफाफे को देखा फिर बाकी को देखा, उसके चेहरे पर खुशी झलकने लगी।
तभी मेजर शेखर बोले “रूबी बेटा कैसी हो, बड़े दिन बाद यहां आई हो, वह भी सबकी वजह से, अपने अंकल की याद नहीं आती तुमको कभी।”
रूबी बोली “नहीं अंकल यह बात नहीं है, आप को कैसे भूल सकती हूं, बस मसरूफियत ज्यादा है।”
रूबी झुक कर मेजर शेखर का आशीर्वाद लेने लगी तो मेजर शेखर ने उसे रोकते हुए बोला “अरे बेटी की जगह कदमो में नहीं दिल में होती है,” यह कहकर उसे प्यार से गले लगा लिया।
फिर मेजर शेखर ने पूछा “और बताओ बेटा जावेद कैसा है, काफी टाइम से आया नहीं।”
रूबी का चेहरा मुर्झा गया। वह कुछ ना बोली। मेजर शेखर बोले “यानी अभी तक ……………….”
तभी हिना बोली “चलो नाश्ता तैयार है। जल्दी आ जाओ सब।” रूबी उस तरफ चली गई। मेजर शेखर उसे देखते रहे, उनकी आंखों में अफसोस था।
अरसलान ने दोनों की बातें सुन ली थी। उसे भी गहरा धक्का लगा। फिर वह भी सबके पास चला गया।
देर शाम तक सब लोग साथ रहे, फिर सब अपने अपने घर को चले गए। अरसलान और न्यूटन राज के कहने पर राज के साथ ही उसके घर रुक गए।
रात में अरसलान ने राज से पूछा, “राज यह जावेद कौन है। रूबी आपा का उनसे क्या रिश्ता है?”
राज ने जवाब दिया “वह उनके हसबेंड हैं। वह अलग रहते हैं। दोनों में लड़ाई हो गई है। एक साल होने वाला है।”
न्यूटन बोला “लड़ाई तो बस एक बहाना है। वह तो किसी दूसरी लड़की के साथ रहते हैं।”
अरसलान बोला “कौन है वह लड़की?”
राज ने बताया “पता नहीं, कोई है, पर उस चक्कर में दोनों का अच्छा खासा संसार खराब हो गया है। शादी के बाद दोनों काफ़ी खुश थे। शादी के एक साल बाद यह लड़की जावेद जी से टकरा गई और तभी से…”
फिर कुछ सोचते हुए अरसलान बोला “हम लोगो को उस लड़की का पता लगाना पड़ेगा। हम लोगों को कुछ करना होगा। ऐसे तो दो लोगों की जिंदगी खराब हो जाएगी।”
न्यूटन बोला “सही कह रहे हो, पर हम यह करेंगे कैसे?”
अरसलान बोला “पहले पता तो चले कि माजरा क्या है। पर यह बात हम तीनों के अलावा किसी और को नहीं बताना।”
फिर अरसलान ने राज से कहा “अब तेरा दो दिन बाद का क्या प्लान है?”
राज बोला “दो दिन बाद ऑफिस जाना है और क्या!”
न्यूटन जरा इत्रा कर बोला “वह तो ठीक है, सिमरन जी से क्या कहोगे राज बाबू…”
अरसलान बोला “हां भाई सिमरन जी से अपने दिल की बात कैसे कहोगे … श्रीमान आशिक।”
राज बोला “तुम दोनों मेरी खिंचाई बंद करो। मैं तो वैसे ही पागल हो गया हूं, कुछ समझ नहीं आ रहा, यारों। पता नहीं कैसे बात बढ़ेगी।”
न्यूटन बोला “यार तू तो गया।” फिर वह गाने लगा “अब मुझे रात दिन तुम्हारा ही ख्याल है, क्या करूं प्यार में दीवानों जैसा हाल है।”
अरसलान भी उसकी ताल में ताल मिलाने लगा और राज बेचारा चुप-चाप बैठा दोनों को घूरता रहा।
सही वक्त पर सब ऑफिस पहुंचे। सब कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे हुए थे, तभी सिमरन अंदर आई।
“गुड मॉर्निंग एंड वेलकम टू सीडब्ल्यूएस ग्रुप। मुझे आशा है कि आप सभी के पास यहां एक प्रोडक्टिव और अच्छा समय होगा।”
सबने बोला “थैंक्स सिमरन मैम।”
सिरमन बोली “पहली बात, मैं मैम नहीं हूं। हम सब एक ही उम्र के हैं, और वैसे भी हम लोग एक दूसरे के नाम से ही एक दूसरे को पुकारते हैं। और मैं कोई बहुत पुरानी तो हूं नहीं। सीडब्ल्यूएस के ओल्ड ऑफिस को तीन महीने पहले ज्वॉइन किया था, न्यू ऑफिस में रिक्वायरमेंट थी तो मुझे यहां भेज दिया गया। तो यार आप सब मुझे दोस्त की तरह ट्रीट करो, सही रहेगा। बाकी काम में मजा भी आएगा।” सब बोले “जी बिल्कुल सही है सिमरन।”
फिर सिमरन उनको काम की डिटेल्स देने लगी। वहां वो सब क्या करते हैं। सब ध्यान से उसकी बात सुन रहे थे। राज फिर सिमरन को ही निहार रहा था। उसकी हर बात उसे अच्छी लग रही थी, अपने ही ख्यालों में था कि तभी सिमरन ने राज से कहा “राज तुम्हें कुछ पूछना है। तुमने अभी तक कोई बात नहीं की।” राज फिर हड़बडा गया “नहीं सिमरन जी मुझे सब समझ आ रहा है।”
सिमरन ने राज को देखा फिर बोली “सिमरन जी से आपका मतलब?” राज फिर बोला “सॉरी सिमरन जी मतलब सिमरन।”
सिमरन मुस्कुरा दी और फिर बोली “चलो सब लोग एक ब्रेक लेते हैं, पहले दिन इतना ज्यादा काम सही नहीं। आओ सब कैफेटेरिया में, चाय वगैरह पी लेते हैं।”
कैफेटेरिया में सब लोग चाय कॉफी के साथ नॉर्मल बात कर रहे थे। इसी तरह पूरा टाइम निकल गया। शाम को ऑफिस से निकलते हुए। सिमरन परेशान सी दिख रही थी। वह उनके पास पहुंची और बोली, “पता नहीं मेरी स्कूटी को क्या हुआ है, स्टार्ट नहीं हो रही। और यहां आस-पास कोई मैकेनिक भी नहीं मिलता।” इस पर रोहित बोला, आप कहां रहती हैं?
सिमरन ने ऐड्रेस बताया, तो रोहित ने बोला “देखिए आज राज को उस तरफ काम भी है। आप एक काम कीजिए, आप राज के साथ मेरी गाड़ी में चली जाइए। मैं आपकी स्कूटी को चेक करवा लेता हूं। कल आप ले जाइएगा। बिल्डिंग के गार्ड को बता देते हैं।” सिमरन ने राज को देखा तो वह फिर घबरा गया।
रोहित बोला “यार राज तुमने कहा था न कि कोई काम है उस तरफ तुम्हें, मैं चला जाता पर मुझे उल्टा पड़ेगा। तुम चले जाओ। रास्ते में सिमरन को ड्रॉप कर देना, बाइक मैं लेता जा रहा हूं। कल कार लेते आना। राज कुछ समझता उससे पहले ही रोहित ने राज की तरफ कार की चाबी फेंक दी।
सिमरन कार में बैठ गई। फिर राज भी कार में बैठकर सिमरन के साथ निकल गया।
“चलो यार इसकी गाड़ी तो बढ़ी। वरना पता नहीं, कभी इसे ऐसा मौका मिलता भी कि नहीं।” रोहित हंसते हुए बोला। न्यूटन बोला “मतलब क्या है?”
रोहित बोला, “अभी समझाता हूं, जरा इधर आओ सब।” रोहित सबको सिमरन की स्कूटी के पास लेकर आया, फिर उसने झुक कर साइलेंसर से एक कपड़े का टुकड़ा निकाला जिसमें कुछ गीली मिट्टी का गोला पड़ा था। वह सबको देखते हुए बोला “कुछ समझे तुम लोग!” हिना बोली “इससे क्या समझे, जरा सही सही बता रोहित।”
रोहित बोला “बात यह है कि स्कूटी बिल्कुल सही है, बस इस कपड़े और मिट्टी के ढेले की वजह से नहीं स्टार्ट हो रही थी, पुराना आइडिया है, आलू, आटे का पेड़ा या मिट्टी का ढेला बनाकर गाड़ी के साइलेंसर में फंसा दो तो गाड़ी स्टार्ट नहीं होती। मैंने मौका देखकर यही किया। ताकि हमारे राजा बाबू को थोड़ा सा समय सिमरन जी के साथ अकेले मिल जाए। ताकि वह बेचारा कुछ बात तो कर ले सिमरन से। “सब हसने लगे, फिर सना बोली” तो ये सब तेरी करस्तानी है। पर अगर उसने कुछ नहीं बोला या बात नहीं की तो?”
“तो उसका कुछ नहीं होने वाला। तब उसे भगवान भरोसे छोड़ना पड़ेगा।” रोहित बोला।
सना बोली “मान गए रोहित तेरे को, खाने के अलावा तुझे और भी कुछ सूझने लगा है।”
इसपर सब हंस पड़े। फिर गार्ड को बताकर वो सब भी वहां से चले गए।
Some Beautifull Quotes of Love
- “The Enigmatic Whispers: Exploring the Solitude of Ruby’s Silence”
- “Ruby’s Solitude Chronicles: A Journey into the Silent Symphony of the Soul”
- “Beyond Words: The Solitude of Ruby Unveiled in a Tapestry of Silence”
- “In the Stillness, Solitude of Ruby: Discovering the Poetry of Solitude”
- “Silent Reverie: Navigating the Enchanting Solitude of Ruby’s Essence”
- ” Solitude of Ruby: A Journey into the Silent Symphony”
- “In the solitude of Ruby, whispers of the heart find their sanctuary.”
- “The solitude of Ruby is a canvas where emotions paint their silent masterpiece.”
- “Lost in the solitude of Ruby, one discovers the gentle echoes of introspection.”
- “Ruby’s solitude is a sacred space where time slows down to savor the beauty of quiet moments.”
- “Within the solitude of Ruby, the soul dances to the rhythm of its own tranquil melody.”
इस कहानी की पिछली किस्तें यहाँ पढ़िए – तेरी उल्फत में