
Mission Sheena – Episode 4: Confronting the Truth
“जावेद, शीना और रूबी की कहानी – सच्चाई का सामना और रिश्तों की वापसी”
जावेद और शीना के रिश्ते की उलझन सामने आती है, और चार दोस्त – अरसलान, न्यूटन, राज, और रोहित – शीना से मिलकर इस स्थिति को सुलझाने का प्रयास करते हैं। शीना, जावेद के साथ अपने रिश्ते को लेकर रूबी की खुशियां छीनने की ओर बढ़ रही थी, लेकिन दोस्तों के समझाने के बाद, वह अपनी गलती को स्वीकार करती है।
शीना का दिल टूटने का जिक्र करते हुए, वह बताती है कि कैसे उसने किसी की खुशियों की कीमत पर अपनी खुशी बनाई। मगर जब वह सही रास्ते पर लौटती है, तो रूबी के लिए अपनी गलती की माफी मांगती है। इसके बाद, रूबी की खुशियों की वापसी होती है, और शीना, जावेद से दूर जाने का फैसला करती है।
अंत में, रूबी के घर पर एक शादी की तैयारी शुरू होती है, और एक नई शुरुआत की उम्मीद जागती है। यह एपिसोड रिश्तों और सच्चाई के बीच के संघर्ष, माफी, और आत्म-सुधार की कहानी को सामने लाता है।
उस सुबह अरसलान का सेल फोन एकदम से बज उठा, अरसलान ने देखा तो न्यूटन की कॉल थी। अरसलान बोला “अब एक ही कमरे में रह कर तुमको मुझे कॉल करनी पड़ रही है!”
न्यूटन “बरखुरदार मैं वहां नहीं हूं। मैं रोहित के घर पर हूं, जावेद जिस लड़की के साथ है, उसका पता चल गया है। तुम राज के घर पहुंचो। वहीं बताता हूं सब कुछ।”
थोड़ी देर बाद चारो राज के घर उसके कमरे में थे। तब रोहित बोला “देखो, जो लड़की जावेद के साथ है, उसका नाम शीना बजाज है। उनके ऑफिस में काम करती है, पहले दूसरी ब्रांच में थी, अब यहां ट्रांसफर हुआ है। मेन बात वह जावेद भाई के साथ पहले कॉलेज में रह चुकी है, इसलिए जान पहचान पहले से थी।
सुन्ने में यह तक आया है कि शीना बजाज का कोई अफेयर था जो बाद में खत्म हो गया। शायद लड़के ने डिच किया था। उसके बाद कई लड़कों के साथ उसका नाम जुड़ा है। शीना का एड्रेस और बाकी डिटेल्स मैंने निकाल ली हैं।”
अरसलान बोला “कमाल कर दिया यार तुमने। इतनी जल्दी इतना सब। मानना पड़ेगा तेरे को भाई।”
रोहित बोला “मैंने जो किया वो रूबी दीदी के लिए किया, क्योंकि वह मेरी भी बहन हैं। तुम सब तो मुझसे छुपा कर सब प्लान कर रहे थे।”
राज बोला “नहीं यार ऐसा नहीं है, तेरे बिना कैसे हो जाता है, बस उस रात तुम साथ नहीं थे। और फिर मौका नहीं मिला। एक हफ्ते से तो ऑफिस में भी व्यस्त हैं हम सब।”
अरसलान बोला “हां यार राज ने तो तेरे को अभी सिमरन वाली हेल्प के लिए भी थैंक्स बोलना है। तू गलत न समझ भाई।”
रोहित बोला “ठीक है ठीक है, बेकार की नौटंकी ना करो। अब चलो कुछ करते हैं। लेकिन पहले मुझे कुछ खाना है, भूख तेज लगी है।”
चारो हंसने लगे और रूम से बाहर गए।
मिशन शीना – मुलाकात और सवाल
थोड़ी देर बाद चारों एक बिल्डिंग के सामने खड़े थे। न्यूटन बोला “रोहित यही एड्रेस है ना। शीना बजाज यहीं रहती है ना।” रोहित बोला “हां भाई, इसके 10th फ्लोर पर फ्लैट नंबर 67 में रहती हैं।”
राज बोला “तो चलो, पर ध्यान रहे, हमको कोई भी बदतमीज़ी नहीं करनी है, वह पहले एक इंसान है, और हमको हर इंसान की इज्जत करनी है, फिर वह तो एक लड़की भी है।”
फिर चारो, लिफ्ट में चले गए। फ्लैट के डोर पर खड़े अरसलान ने डोर बेल बजाई। दूसरी तरफ कदमों की आहट हुई फिर दरवाजा खुला, दरवाजा खोलने वाली लड़की कोई 30 साल की थी। काफ़ी मॉडर्न लुक था, देखने में खूबसूरत भी थी।
अरसलान बोला “शीना जी हमको गलत मत समझिए, पर आपको शायद पता ही होगा, कि जावेद पहले से ही शादीशुदा है, हमारी रूबी आपा से उनकी शादी हुई है।”
शीना हंसती हुई बोली, “ओह तो रूबी ने अपने भाई भेजे हैं मुझे डराने को।”
राज बोला “नहीं आप गलत समझ रही हैं, उनको इस बारे में कुछ नहीं पता, बस हमसे उन दोनो का रिश्ता टूटते हुए देखा नहीं जा रहा है, इसलिए आपके पास आए हैं।”
शीना बोली “इसमे मैं क्या कर सकती हूं, रूबी जब जावेद को नहीं संभाल पाई तो वह मेरे पास आ गया, इंसान को जो पसंद है, वह वही करेगा। रूबी की मोहब्बत में कमी थी, तभी जावेद यहां आया।”
अरसलान बोला “दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं, शादी भी तभी हुई।”
शीना बोली “देखो मुझे इससे कोई वास्ता नहीं, जावेद मेरे साथ खुश हैं, मैं उनके साथ, मुझे पूरी दुनिया से कोई मतलब नहीं है।”
न्यूटन बोला “पर शीना जी, आप किसी की खुशियों को छीन कर अपना घर बसाना चाहती हैं। किसी के आंसुओं और सिसकियों के ऊपर बने आशियाने मज़बूत नहीं होते।”
अरसलान बोला “आप आज खुश हो जाएंगी, कल कहीं आपको इस चीज की कोफ्त ना हो कि आपने अपनी खुशियों के लिए, किसी को सिसकता हुआ छोड़ा।”
राज बोला “किसी की दुनिया लूटने से कोई फ़ायदा नहीं है। क्यों किसी के दिल को चोट दे रही हैं, इससे किसी का अच्छा नहीं होगा।”
मिशन शीना – रदमल और जज़्बात
शीना बोली “कभी मेरा भी दिल टूटा था, कभी मैं भी रोई थी, मुझे भी मोहब्बत पाने का हक है। इसमें अगर किसी को चोट आए तो मैं क्या कर सकती हूं।”
“संजय नाम था उसका, जिसको आपने तहे दिल से चाहा, अपना सब कुछ मान लिया, पर वह बुजदिल था, जो आपको ना अपना कर एक पैसे वाली लड़की के साथ चला गया। वह आपके काबिल ही नहीं था, और आप उसकी बेवफाई की आग में जल रही हैं।” रोहित ने जवाब दिया।
शीना बोली “हां, सही है, इसलिए अब मुझे किसी का दर्द नहीं महसूस होता, मेरी खुशी में अगर किसी को तकलीफ हो तो हो।”
अरसलान बोला “आपकी सोच गलत है। किसी को चोट पहुंचा के मिली खुशी में कोई मजा नहीं है। हमको पता है, कि आप जावेद को पसंद करती हैं, लेकिन क्या आप किसी की मोहब्बत के आशियाने को सुलगा कर उसकी दहक से अपनी मोहब्बत को सेखना चाहती हैं, शायद नहीं शीना जी। आप शायद यह नहीं करना चाहती।”
शीना मुस्कुराते हुई बोली “कमाल की बात करते हो तुम सब, मुझसे मेरी मोहब्बत को लुटाकर किसी और को देना चाहते हो। भाई वाह, क्या बात है।”
अरसलान बोला “देखिए शीना जी, हमको पता है, कि हम आपसे बहुत कुछ मांग रहे हैं, आप इसे एक एहसान समझ कर, या भीक समझ कर हमको दे दीजिए। जिंदगी भर आपका यह एहसान नहीं भूलेंगे।”
राज बोला “और यक़ीन कीजिए, आपको भी इसका अफसोस नहीं होगा, और एक दिन आपको भी कोई सच में चाहने वाला मिलेगा। ऊपर वाला अच्छे लोगों के साथ अच्छा ही करता है।”
शीना बोली “काश जब मेरी दुनिया लुट रही थी, तब मेरे साथ भी तुम लोग जैसा कोई होता। तब शायद मेरी दुनिया ना लुटती। किस्मत वाली है रूबी जो तुम जैसे भाई हैं उसके।” यह कहते ही शीना की आंखों में आंसू छलकने लगे।
राज बोला “ऐसा मत सोचिए, जिंदगी के किसी भी मोड़ पर अगर आपको जरूरत पड़े तो हमको आजमा के देखिएगा।”
शीना बोली “जैसा तुम लोग चाहते हो वैसा ही होगा, मैं जावेद और इस शहर से दूर जा रही हूं। तुम्हारी बहन के घर को अब तुम लोग आबाद करो।”
अरसलान बोला “आपका यह अहसास हम जिंदगी भर नहीं भूलेंगे। दुआ है हमारी कि आपको दुनिया की तमाम खुशियां मिले। यकीन कीजिए कि अगर कभी भी कहीं आपको, हम लोगो की जरूर पड़ी तो हमको याद कीजिएगा। आपको मायूस नहीं करेंगे।’
रूबी की खुशियों की वापसी
फिर वो सब वहां से चले गए। शीना को जहां एक तरफ जावेद से अलग होने का गम था, तो दूसरी तरफ, यह खुशी थी, कि वह किसी की मोहब्बत और जज्बातों का कत्ल नहीं कर रही। कुछ सोच कर उसने रूबी का नंबर मिलाया। नंबर मिला और रूबी ने फोन उठाया।
शीना बोली “रूबी मैं शीना बोल रही हूं।”
रूबी ने जवाब दिया “यहाँ किस लिए फोन किया आपने। मुझसे क्या काम है।”
शीना बोली “रूबी मुझे पता है, कि तुम मुझसे नाराज़ हो, मुझे पसंद नहीं करती।”
रूबी बोली “आप सब जानती हैं, फिर भी आप मुझे कॉल कर रही हैं।”
शीना बोली “असल में मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है, मुझे समझ आ गया है कि मैं गलत थी। मैं अपनी खुशी के लिए, तुम्हारी जिंदगी बिगाड़ रही थी। लेकिन मैं अब ऐसा नहीं करूंगी। मैं जावेद से दूर जा रही हूं, मेरी गलतियों के लिए मुझे माफ करना।”
रूबी को अपने कानों पर याकीन नहीं हो पा रहा था, वह खुश थी, कि अब उसकी जिंदगी फिर से खुशगवार हो जाएगी। वह बोली “शुक्रिया शीना, जावेद को मुझे वापस करके तुम मुझे जिंदगी का नायाब तोहफा दे रही हो।”
शीना बोली “यह तोहफा मैं नहीं दे रही, यह तोहफा तो तुमको तुम्हारे भाईयों ने दिया है, जिन्होने मुझे सही राह दिखा दी। सच में तुम्हारी किस्मत पर रश्क है, इतने अच्छे भाई हैं तुम्हारे।”
रूबी बोली “क्या राज, अरसलान, न्यूटन और रोहित आपसे मिले थे?” उसे यकीन नहीं था कि उन चारों ने उसकी डूबती जिंदगी की नाव को किनारा दिया है।
शीना बोली “हां वो चारों आए थे, कुछ देर पहले। उनकी बातों से लगा की वो तुमपर जान छिड़कते हैं।”
रूबी बोली “हां ये चारो मेरे स्टूडेंट्स हैं, और मुझे अपनी बड़ी बहन की तरह इज्जत और प्यार देते हैं। कोई खून का रिश्ता नहीं है, पर ये जिस तरह इस रिश्ते को निभाते हैं, यह तुम देख ही चुकी हो। मुझे कोई गम नहीं, कि मेरे कोई भाई बहन नहीं, ये शायद सगो से ज़्यादा मुझसे प्यार करते हैं।” रूबी की आंखों में पानी आ गया, और गला रुंध गया।
शीना “अच्छा अब सुनो, जावेद एक हफ्ते के लिए दुबई गए हुए हैं, मैं उनको समझा दूंगी, मैं ट्रांसफर के लिए कह चुकी हूं, जल्दी ही रिप्लाई मिल जाएगा। जावेद को अब तुम्हें संभालना है। और हां अब कोई गलती नहीं करना। सब मेरी तरह नहीं होते।” यह कह कर वह हंसने लगी।
रूबी बोली “मैं समझ सकती हूं शीना कि तुम कैसे यह फैसला ले रही हो। लेकिन दुआ है मेरी मेरे रब से कि तुमको तुम्हारी मोहब्बत जरूर मिले।”
शीना बोली “शुक्रिया रूबी, मुझे समझने और माफ करने के लिए। मुझे गलत मत समझना कभी, और हां मुझे जब याद करना, मेरे लिए अच्छा ही सोचना, अब मैं रखती हूं फोन। जिंदगी रही तो हम जरूर मिलेंगे। मुझे उम्मीद है कि तुम और जावेद खुश रहोगे।”
रूबी बोली “मैं हमेशा तुम्हें याद रखूंगी और जिंदगी में कभी भी याद आए, मुझे याद करना। कभी अपने को अकेला न समझना। जिंदगी तुम्हें खुशी दे। खुदा हाफिज़।” शीना ने मुस्कुराते हुए फोन रख दिया। उसे ऐसा लग रहा था कि उसके ऊपर से कोई बड़ा बोझ हठ गया है।
मिशन शीना – शादी की तैयारी
उस रात रूबी राज के घर पर थी, अरसलान, राज, न्यूटन और रोहित के अलावा वहां सना और हिना भी थी। साथ में राज के पापा, मेजर शेखर भी थे। रूबी बहुत खुश थी।
रूबी बोली “तुम चारो ने मुझे आज वह खुशी दी है, जिसको मैं बयान तक नहीं कर सकती। मुझे पता नहीं, कि मैं अब क्या बोलूं या क्या कहूं। अभी यहां आने से पहले, मुझे जावेद का फोन आया था, वह मुझसे माफ़ी मांग रहे थे। उनकी आवाज में पछतावा साफ झलक रहा था। शीना ने उनको समझा दिया है। शीना को कितना गलत समझती थी मैं। पर जो कुछ भी हुआ, वह तुम चारो की वजह से हुआ।”
राज बोला “आप भी कैसी बात कर रही हैं, हम सब आपके भाई हैं। हमने जो भी किया, वह हमारा फ़र्ज़ है। आपकी जिंदगी फिर से आबाद हो रही है, इससे बड़ी खुशी हम लोगों लिए क्या होगी।”
रूबी ने प्यार से राज के सर पर हाथ फेरते हुए कहा, “कौन कहता है कि रिश्ता सिर्फ खून का ही होता है। अगर ऐसे रिश्ते हों तो क्या ज़रूरत फिर खून के रिश्तों की।”
इसपर मेजर शेखर बोले “रूबी बेटा, रिश्ते नाम के बहुत होते हैं, पर जिस रिश्ते में दिल ना मिले वो बेकार हैं। बस वो बेमान ही होते हैं। सिर्फ़ नाम के रिश्ते।
“बिल्कुल सही कहा आपने अंकल, लाख टके की बात कही है आपने। जब मैं इस शहर में आया था, तो कोई रिश्ता या नाता नहीं था किसी से मेरा। और आज देखो, ऐसा लगता है कि जैसे पूरा परिवार है यहां मेरा।” अरसलान ने कहा।
न्यूटन बोला “अरसलान यार, यह एक परिवार है। और हम सब एक दूसरे के लिए हैं। जब भी हम लोगों को एक दूसरे की ज़रूरत पड़ेगी, हम सब एक दूसरे के लिए खड़े रहेंगे। यह हम लोगों का रिश्ता है, जो कभी नहीं खत्म होगा।”
तभी रोहित ने अंगड़ाई लेते हुए कहा “अरे सबके सब अब इमोशनल हो रहे हो, चलो, चिल मारो, और मुझे भूख लगी है, कुछ खाए हुए वक्त हो गया है काफ़ी।”
सब हंसते हुए डाइनिंग टेबल की तरफ चल दिए।
डिनर के बाद सना बोली “ऐसा है, कि मैंने और हिना ने एक फैसला किया है कि जावेद भाई को रूबी आपा ऐसे ही नहीं मिलेंगी। उनको अब दोबारा से बारात लेकर आनी पड़ेगी। तभी हम रूबी आपा को उनसे मिलने देंगे। एक तरह से उनको दोबारा से रूबी आपा से शादी करनी पड़ेगी।”
मेजर शेखर बोले “बिल्कुल सही है, और ये सब यहीं से होगा, इसी घर से। सारी तैयारियां शूरू करो। और जावेद को मैं बोल देता हूं।”
अरसलान बोला “बिल्कुल सही रहेगा, हम सब मिलकर तैयारी करेंगे। आखिर हमारी आपा की शादी है।”
रोहित बोला “खाने का इंतज़ाम मैं करूंगा। बढ़िया डिशेज़ का इंतज़ाम करूंगा। “
हिना बोली “खबरदार जो तूने खाने के इंतज़ाम की कोई प्लानिंग की तो। तू सारा खाना खुद खा लेगा, सब भूखे रह जाएंगे। ऐसा कर तू सिर्फ़ बाहर का काम देखना, बाकि सब हम लोग संभाल लेंगे।”
सब हंसने लगे तो रोहित बोला “अपनी तो कोई इज्जत ही न है यार। पर मुझसे न कहना, अगर खाना अच्छा न पक्का तो।”
सब फिर हंसने लगे। इस बीच मेजर शेखर ने कहा है “जावेद साहब राज़ी हैं, तीन दिन बाद मतलब रविवार को वह वापस आ रहे हैं, और उन्होंने कहा है कि सीधा यहीं आएंगे रूबी को लेने। अब हम सबको सबकुछ जल्दी-जल्दी करना है।”
इसपर न्यूटन खड़े होते हुए बोला “यलगार हो, सभी घर के लोग काम में लग जाएं।” न्यूटन की इस हरकत पर सबने उसे पकड़ कर उठा लिया। और सब यलगार हो, यलगार हो कहने लगे। रूबी उन सबको देखकर अपने आंसू ना छुपा सकी, जो कि खुशी के आंसू थे।
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एक सनसनी ख़ेज़ और प्रस्रार कहानी, जिसमें एक नौजवान लड़का अपने दोस्त के साथ हिन्दुस्तान के मशरिक़ी हिस्से की दूर दराज़ के कबाइली इलाके में एक पुरानी सक़ाफ़त का पता लगाने जाता है। वहाँ पहुंचकर उसे अपने माज़ी के साथ एक अजीब सा नाता महसूस होता है, और वह एक अनोखे सफर में खुद को पाता है। यह कहानी आपको वादियों, झरनों, और ढोल नगाड़ों की धुन में ले जाएगी, और आपको एक भूली-बिसरी दुनिया का एहसास कराएगी।